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अब आप अपने मरीज की घर पर ही सेवा करो.. यहां पड़ती है पैलिएटिव केयर की जरूरत,

जानें क्या है ये

The News Air by The News Air
बुधवार, 10 अप्रैल 2024
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घर पर भी मिल सकती है अस्पताल जैसी सुविधा, क्या है पैलिएटिव केयर
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Palliative Care for Patients: पैलिएटिव केयर में मरीज को घर पर भी अस्पताल जैसी सुविधा मिल सकती है. पैलिएटिव केयर उन मरीजों को लिए होती है जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते है. आइए डॉक्टरों से जानते हैं कि पैलिएटिव केयर क्या होती है और इससे कैसे मरीजों को फायदा मिलता है.

अब आप अपने मरीज की घर पर ही सेवा करो…. आपने डॉक्टरों को ऐसा कहते हुए सुना होगा. यह शब्द डॉक्टर तब यूज करते हैं जब मरीज को कोई जानलेवा बीमारी होती है और बहुत हद तक इलाज मुमकिन नहीं होता है. इस स्थिति में परिजन मरीज को घर पर ले आते हैं और उनकी घर पर ही सेवा शुरू कर देते हैं. यहां से शुरू होता है पैलिएटिव केयर का महत्व, लेकिन अधिकतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है. पैलिएटिव केयर जानी गंभीर बीमारी के मरीज की घर या अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की निगरानी में देखरेख. पैलिएटिव केयर इसलिए होती है ताकि मरीज का बचा हुआ जीवन अच्छी तरह से गुजर जाए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 56.8 मिलियन लोगों को पैलिएटिव केयर की जरूरत होती है. लेकिन इनमें से केवल 14 फीसदी मरीजों को यह सुविधा मिल पाती है. कारण यह है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. भारत में तो 10 फीसदी लोग भी पैलिएटिव केयर के बारे में नहीं जानते हैं. इस वजह से कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज घर पर बहुत पीड़ा के साथ दम तोड़ देते हैं, लेकिन अगर मरीज की पैलिएटिव केयर हो जाए तो वह जिंदगी के आखिरी साल कम कष्ट के साथ काट सकता है.इस दौरान व मानसिक तौर पर भी खुद को स्वस्थ रख सकता है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है.

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किन बीमारियों के मरीजों को होती है पैलिएटिव केयर की जरूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हार्ट डिजीज के के 38.5% फीसदी और कैंसर के 34 फीसदी मरीजों को इसकी जरूरत होती है. इसके अलावा एड्स के 7 फीसदी और किडनी की बीमारियों के मरीजों को भी पैलिएटिव केयर चाहिए होती है. कुछ मामलों में मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, नवर्स सिस्टम से संबंधित बीमारियों के मरीजों को भी इसकी जरूरत पड़ती है. लेकिन अधिकतर मामलों में इन बीमारियों के मरीज आपने आखिरी पल बड़ी पीड़ा के साथ गुजारते हैं.

क्या होती है पैलिएटिव केयर

दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटोलॉजिस्ट डॉ रोहित कपूर बताते हैं कि पैलिएटिव केयर एक विशेष तरह की देखभाल है जो घर, अस्पताल और किसी प्राइवेट हेल्थ सेंटर में मरीज को मिलती है. जब कोई बीमारी ऐसी स्टेज पर चली जाती है जहां मरीज का कोई खास इलाज नहीं किया जा सकता है तब इसकी जरूरत पड़ती है.

कैंसर, हार्ट डिजीज और टीबी जैसी बीमारियों के गंभीर मरीजों को पैलिएटिव केयर की जरूरत पड़ती है. इससे डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ मरीज की केयर करते हैं. मरीज को शारीरिक तकलीफों के साथ-साथ उनकी मानसिक समस्याओं से भी राहत दिलाने का काम करते हैं. पैलिएटिव केयर में बिना जरुरत के महंगी जांचें, बार-बार हॉस्पिटल में एडमिशन कराना जैसी परेशानियां कम हो जाती हैं.

मरीज के खानपान से लेकर सोने और जागने तक के रूटीन की देखभाल की जाती है. मानसिक रोग विशेषज्ञ मरीज की काउंसलिंग भी करते हैं. पैलिएटिव केयर में मरीज को योग ध्यान से लेकर मेंटल स्ट्रेस से उबारने का भी काम किया जाता है. पैलिएटिव केयर में एक नर्स नियुक्त की जाती है, जो मरीज की देखभाल करती है.

24 घंटे सातों दिन नर्स मरीज की देखरेख करती है और इस दौरान डॉक्टर के साथ संपर्क में रहती है. मरीज की दवा, उसके खानपान और पूरे लाइफस्टाइल को ठीक रखने की कोशिश की जाती है, ताकि मरीज बचा हुआ जीवन अच्छी तरह से काट सके.

पैलिएटिव केयर में कितना आता है खर्च

पैलिएटिव केयर की सुविधा बड़े प्राइवेट अस्पताल, घर और अस्पतालों के पास मौजूद हेल्थ सेंटर सभी में दी जाती है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की स्थिति कैसी है और उसको किस लेवल की पैलिएटिव केयर की जरूरत है. इनमें खर्च अलग- अलग है.

बडे़ अस्पतालों में इसका खर्च 10 से 30 हजार रुपये प्रति माह है. घर में पैलिएटिव केयर का खर्च इससे ज्यादा हो सकता है. जबकि पैलिएटिव केयर सेंटर में खर्चा कम आता है. अगर मरीज की स्थिति ज्यादा खराब है और उसकी केयर के लिए हर समय मेडिकल स्टॉफ की जरूरत है तो खर्चा ज्यादा आता है.

क्या सरकारी अस्पतालों में भी है सुविधा

सफदरजंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि पैलिएटिव केयर सरकारी अस्पतालों में भी मिलती है. अधिकतर मामलों में कैंसर मरीजों और एचआईवी मरीजों को यह सुविधा दी जाती है. इसमें एक नर्स मरीज की देखरेख करती है और मरीज के परिजन को उसके स्वास्थ्य से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है.

अगर ये अस्पताल में होती है तो मरीज को बहुत हद तक घर जैसा माहौल ही देने की कोशिश की जाती है. इन बीमारियों के मरीजों को गंभीर दर्द होता है. इसके लिए नारकोटिक्स मेडिसिन भी दी जाती हैं.

किन मरीजों को जरूर करानी चाहिए पैलिएटिव केयर

जो मरीज कैंसर की आखिरी स्टेज में हैं, जिनका एड्स भी अंतिम स्टेज में है तो ऐसे मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन मरीजों को कोई इलाज नहीं है. इनका जीवन कम समय का ही होता है. ऐसे मरीजों को पैलिएटिव केयर देकर बची हुई जिंदगी को कम कष्ट के साथ व्यतीत किया जा सकता है.

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