New Zealand: न्यूजीलैंड में जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) के बाद लेबर पार्टी के सांसद क्रिस हिपकिंस (Chris Hipkins) नए प्रधानमंत्री बनेंगे। क्रिस हिपकिंस को साल 2020 में महामारी से निपटने के लिए कोविड मिनिस्टर बनाया गया था। उस दौरान क्रिस के काम की दुनिया भर में सराहना हुई थी। कोरोना महामारी के तीन साल में न्यूजीलैंड में केवल 2437 मौतें दर्ज की गई हैं। रविवार को होने वाली लेबर पार्टी के सांसदों की बैठक में क्रिस हिपकिंस को पीएम चुनने की संभाववा जताई जा रही है। लेबर पार्टी का कहना है कि जेसिंडा अर्डन की जगह लेने के लिए हिपकिंस एकमात्र उम्मीदवार हैं।
वहीं पीएम जैसिंडा अर्डन ने कहा है कि वो देश के पीएम का पद छोड़ देंगी और फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगी। हिपकिंस की नियुक्ति से पहले अर्डन गवर्नर जनरल को अपना इस्तीफा सौंपेंगी। एक स्थानीय मीडिया संगठन ने पोल में दिखाया कि 26 फीसदी लोग हिपकिंस को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं।
हिपकिंस 2008 में पहली बार बने सांसद
क्रिस हिपकिंस साल 2008 में पहली बार लेबर पार्टी के सांसद चुने गए थे। 44 साल के हिपकिंस नवंबर 2020 में COVID-19 के लिए मंत्री नियुक्त किए गए थे। फिलहाल क्रिस न्यूजीलैंड के पुलिस और एजुकेशन मिनिस्टर हैं। लेबर पार्टी के बीच उन्हें ट्रबल शूटर यानी मुसीबत खत्म करने वाला कहा जाता है। अक्टूबर में लेबर पार्टी को तीसरी बार देश की सत्ता में लाना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। लेबर पार्टी का कार्यकाल इसी साल खत्म हो जाएगा। देश में 14 अक्टूबर को चुनाव होंगे। लेबर पार्टी को सत्ता में लाने के लिए क्रिस हिपकिंस को कड़ी मेहनत करनी होगी।
अर्डन ने इस्तीफे का किया था ऐलान
जैसिंडा अर्डर्न ने अपनी इस्तीफे की घोषणा में कहा था कि वो थक गई हैं। प्रधानमंत्री होने की जिम्मेदारी निभाने के लिए उनमें हिम्मत नहीं बची है। अर्डन ने कहा कि था वो फरवरी की शुरुआत में इस्तीफा देंगी। अर्डर्न ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी, लेकिन मैं जानती हूं कि न्यूजीलैंड के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे इस साल और चुनाव तक सरकार के ध्यान में रहेंगे। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि न्यूजीलैंड में लेबर पार्टी 2017 से सत्ता में है। ऐसे में एंटी इनकंबेंसी काफी ज्यादा है।
37 साल की उम्र में पहली बार प्रधानमंत्री
जैसिंडा अर्डर्न का जन्म 26 जुलाई, 1980 को न्यूजीलैंड के शहर हैमिल्टन में हुआ था। उनके पिता रॉस आर्डर्न पुलिस अफसर थे और मां लॉरेल कुक थीं। जेसिंडा को हमेशा से राजनीति में दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने साल 2001 में मात्र 18 की उम्र में वह न्यूजीलैंड की लेबर पार्टी से जुड़ गई थीं। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिए रिसर्चर के तौर पर काम करती थीं।
वो 2017 में 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं थीं। तब से लेकर अब तक कई संकटों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए कारण वो काफी पॉपुलर हुईं।