The News Air: पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू के बाग़ी तेवर बरक़रार है। संगठन से जुड़ने के बजाय वह ‘एकलो चलो रे’ के तरीक़े से काम कर रहे हैं। आज वह राजपुरा में थर्मल प्लांट के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान संगठन से नाराज़ कांग्रेसी भी उनके साथ होंगे। ख़ास बात यह है कि इस प्रदर्शन में कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग नहीं होंगे। सिद्धू संगठन के साथ चलने के बजाय अकेले ही राजनीति करने में जुटे हुए हैं।
राज्यपाल को भी अकेले मिलने गए थे सिद्धू
नवजोत सिद्धू इससे पहले भी राज्यपाल को अकेले ही मिलने चले गए थे। उन्होंने प्रदेश प्रधान वड़िंग या विपक्षी दल नेता प्रताप सिंह बाजवा को नहीं बुलाया। वहाँ भी सिद्धू ने बिजली संकट का मुद्दा उठाया था। सिद्धू ने कहा था कि पंजाब में बिजली संकट है। गांवों में सिर्फ़ 2 घंटे बिजली मिल रही है। अभी धान की बिजाई के वक़्त 15 हज़ार मेगावाट बिजली की ज़रूरत होगी। वह कैसे पूरी होगी?। सिद्धू के रवैये पर पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा समेत कई कांग्रेसियों ने सवाल उठाए थे। हालांकि सिद्धू इन सबको ठेंगा दिखाकर अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हुए हैं।
CM नहीं बन पाए और प्रधानगी भी चली गई
नवजोत सिद्धू की अगुवाई में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया गया। इसके बाद सिद्धू की जगह चरणजीत चन्नी CM बन गए। सिद्धू चुनाव में कांग्रेस का CM चेहरा बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने चन्नी को बना दिया। इसके बाद सिद्धू ने कहा कि हार की ज़िम्मेदारी चन्नी की है लेकिन सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफ़ा ले लिया। सिद्धू ने इसके बाद लगातार शक्ति प्रदर्शन किया। इससे बेपरवाह हाईकमान ने अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को प्रधान बना दिया।