चंडीगढ़, 17 जुलाई (The News Air)
पंजाब कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन चुका सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच के विवाद में शनिवार को अहम मोड़ देखने को मिला। दिल्ली से लौटे नवजोत सिद्धू शनिवार को अचानक पंचकूला पहुंचे और उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार सिद्धू की जाखड़ के साथ करीब डेढ़ घंटा बैठक चली और कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस मुलाकात के बाद सिद्धू ने जाखड़ को बड़ा भाई बताया और कहा वे हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते रहे हैं। जाखड़ से मुलाकात करने के बाद सिद्धू अन्य मंत्रियों और विधायकों से मिलने निकले।
लगातार मंत्री व विधायकों से मिलें सिद्धू- जाखड़ के बाद सिद्धू सेक्टर 39 स्थित कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के आवास पर पहुंचे। रंधावा के बाद काबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से मुलाकात की उसके बाद पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह से मुलाकात कर प्रदेश में चल रही राजनीतिक गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया गया। इसी तरह से कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड से करीब आधा घंटा तक सिद्धू ने मीटिंग की। इस दौरान सिद्धू के साथ सुखजिंदर रंधावा मौजूद थे। सिद्धू कांगड़ से मुलकात करने के बाद पटियाला की और रवाना हो गए। पटियाला पहुंचकर उन्होंने कुछेक मंत्री व विधायक समेत स्थानीय नेताओं से भी आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया।
रंधावा बोले, सिद्धू घोषणा के बाद ही कहेंगे कुछ- सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सिद्धू से उनकी दो महीनों से बैठक हो रही है, यह भी उसका ही हिस्सा है। सिद्धू उनसे मिलने आए थे उन्होनें कहा कि हमें उम्मीद है कि दो तीन दिन में पीपीसीसी चीफ के पद को लेकर औपचारिक घोषणा हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है जैसा हाईकमान का फैसला होगा उन्हें मंजूर होगा।
रावत बोले, हाईकमान का जो फैसला होगा, मैं उसका आदर करूंगा- जहां सिद्धू ने मंत्री और विधायकों से मूलाकात की वहीं दूसरी तरफ शनिवार को कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन से चंडीगढ़ पहुंचकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने कुछ मुद्दे रावत के आगे उठाए हैं। उन्होंने भरोसा दिया है कि वो इस मुद्दे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष उठाएंगे। दूसरी तरफ रावत ने कहा कि कैप्टन ने पहले ही कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से जो भी फैसला लिया जाएगा, वो उन्हें मंजूर होगा। कैप्टन का अब भी वही रुख है। उन्होंने कैप्टन से मुलाकात करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि वो इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। मैं कैप्टन अमरिंदर से मिलकर अभी-अभी दिल्ली लौटा हूं। मुझे प्रसन्नता है कि बहुत सारी बातें जो बाहर चर्चा में हैं, वो बिल्कुल निर्मूल साबित हुई हैं और कैप्टन साहब ने फिर से अपने उस महत्वपूर्ण बयान को दोहराया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष, पंजाब के विषय में अध्यक्ष के पद को लेकर जो भी निर्णय करेंगी वो निर्णय मुझे स्वीकार्य होगा, मैं उसका आदर करूंगा।
क्या था पूरा मामला-पिछले दिनों विवाद को सुलझाने के लिए सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का फॉर्म्युला सामने रखा गया था। हालांकि कैप्टन अमरिंदर ने इस फैसले को लेकर नाराजगी जताई थी। यहां तक कि उनके इस्तीफे की अटकलें भी लगने लगी थी। पंजाब का हल सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए हरी झंडी दे दी थी। गुरुवार को सोनिया गांधी से बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘पंजाब पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ दो से तीन दिन में बदले जाएंगे। इसी के साथ कैबिनेट में फेरबदल भी होगा लेकिन कैप्टन सीएम बने रहेंगे।’
कैप्टन ने सोनिया को पत्र लिख जताई थी नाराजगी– पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी फॉर्म्युले के बाद सिद्धू ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। दूसरी तरफ कैप्टन अमरिंदर ने सोनिया गांधी को पत्र लिख अपना विरोध जताया । अमरिंदर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पत्र लिखकर आग्रह किया कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। उन्होंने यह भी लिखा कि कांग्रेस आलाकमान जबरदस्ती पंजाब की राजनीति और सरकार में दखल दे रही है।