नई दिल्ली, 16 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने बिहार में भागलपुर में अडानी को मात्र एक रुपए में 1050 एकड़ जमीन देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने अडानी को बिहार में तीन पावर प्लांट लगाने के लिए एक रुपए मे यह जमीन दी है। साथ ही यहां पैदा हुई बिजली को 25 साल तक 7 रुपए प्रति यूनिट में खरीदने की गारंटी भी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जेडीयू की सरकार ने जनता के पैसे से किसानों को जमीन का मुआवाजा दिया और फिर जमीन अडानी के नाम कर दी। सरकार ने कागजों में दिखाया कि 70 फीसद जमीन बंजर है। जबकि वहां 10 लाख से ज्यादा आम-लीची के पेड़ हैं, जिन्हें काटने की भी अनुमति दे दी गई है। सच तो यह है कि मोदी जी की प्राथमिकता में भारत नहीं, बल्कि अडानी है। वह पूरे देश की संपत्ति अडानी के नाम करना चाहते हैं।
मंगलवार को प्रेसवार्ता कर सांसद संजय सिंह ने कहा कि जोर शोर से चर्चा है कि भाजपा और मोदी जी ने भागलपुर में 800- 800 मेगावाट के तीन पावर प्लांट लगाने के लिए मात्र एक रुपए में 1050 एकड़ जमीन अडानी को दे दी है। साथ ही मोदी सरकार ने कहा है कि 25 साल तक सात रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उत्पादन का पैसा देगी। मोदी जी ने अडानी को न सिर्फ एक रुपए में 1050 एकड़ जमीन दे दी, बल्कि 25 साल तक 7 रुपए प्रति यूनिट में बिजली खरीदने की गारंटी भी ले ली है। इसके बाद जनता को 11-12 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी और उसकी जेब कटेगी। मोदी जी को जनता की जेब कटने की कोई चिंता नहीं है, लेकिन उनके मित्र को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। मोदी इंडिया के प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि अडानी के प्रधानमंत्री हैं।
संजय सिंह ने कहा कि अडानी को एक रुपए में 1050 एकड़ जमीन देने में घोटाला किया गया है। 2012-13 में बिहार की भाजपा-जेडीयू की सरकार ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की। सरकार ने जमीन के बदले किसानों को अपनी तरफ से मुआवजा दिया। किसानों को मुआवजा सरकार के खजाने से मिला और सरकार के खजाने में यह पैसा मजदूर, किसान, आम आदमी, कर्मचारी का है। आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई में से सरकार को टैक्स देती है जो सरकार के खजाने में जाता है। जनता से मिले टैक्स के पैसे से भाजपा-जेडीयू की सरकार ने किसानों को मुआवजा दे दिया और जमीन अधिग्रहित कर ली।
संजय सिंह ने कहा कि करोड़ों रुपए में अधिग्रहित जमीन को सरकार को उससे ज्यादा में किसी को पूंजीपति को देना चाहिए। तभी सरकारी खजाने में जमीन के बदले किसानों को दिए गए मुआवजे का पैसा वापस आएगा। लेकिन मोदी जी ने कहा कि अपने दोस्त अडानी के साथ ऐसा नहीं कर सकते। उनका जन्म तो अडानी को ही आगे बढ़ाने के लिए हुआ है। मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री सिर्फ अपने दोस्त को आगे बढ़ाने के लिए बने हैं। ऐसे में अडानी से पैसा कैसे ले सकते हैं। इसलिए 1050 एकड़ की जमीन एक रुपए के हिसाब से अडानी को दे दी। कागजों में दिखाया गया कि यह जमीन उपजाऊ नहीं है और 70 फीसद जमीन बंजर है। जबकि उस जमीन पर आम-लीची के 10 लाख पेड़ लगे हैं। वहां का मालदा जैसे आम होते हैं जो प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक भेंट स्वरूप पहुंचता है। आज वहां पर 10 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ने एक भावुक अभियान चलाया था कि एक पेड़ मां के नाम लगाओ। 10 लाख पेड़ मां के नाम और वो सारे के सारे पेड़ अडानी के नाम। मोदी जी ने अडानी को सारे पेड़ काटने की छूट दे दी है। ताकि वह अपना पावर प्लंट लगा सके और मोटी कमाई कर सके। असल में मोदी जी को पर्यावरण और पेड़ों से कोई मतलब नहीं है। भाजपा देश में यह गुनाह और पाप कर रही है। जनता के पैसे किसानों की जमीन अधिग्रहित करके एक रुपए में अडानी को भेंट कर दिया जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा कि हमारे युवाओं को बिल्कुल गुस्सा नहीं आता। उनकी सहनशीलता चरम पर है। युवा सिर्फ लाठी खाने के लिए बने हैं। पुलिस भर्ती, लेखपाल, नीट का पेपर लीक होगा, तो लाठी खाएंगे। परीक्षा देने के लिए जानवरों की तरह ट्रेन में भरकर जाएंगे। अभी 4,500 उप निरीक्षक की भर्ती निकली है और 15 लाख युवाओं ने फार्म भरा है। कब इसका पेपर लीक हो जाएगा, पता नहीं। एक तरफ युवाओं का भविष्य है और सरकार का तानाशाही रवैया है तो दूसरी तरफ मोदी जी के दोस्त अडानी हैं।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता में युवा, उनका रोजगार और किसान नहीं है। सरकार का ही कानून कहता है कि जिस कार्य के लिए जमीन अधिग्रहित की गई है, अगर वह पांच साल तक उसी कार्य में इस्तेमाल नहीं की जाती है, तो जमीन किसान को वापस मिल जाएगी। ऐसे में 2012-13 में भागलपुर में 1,050 एकड़ जमीन पावर प्लांट लगाने के नाम पर अधिग्रहित की गई थी, वह किसानों को वापस क्यों नहीं की गई? नियमानुसार पांच साल तक जमीन का इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब वहां पावर प्लांट का शिलान्यास किया है। प्रधानमंत्री मोदी जी की प्राथमिकता भारत नहीं, बल्कि अडानी है। मोदी जी पूरे देश की संपत्ति अडानी को सौंपना चाहते हैं। देश के लोगों को तय करना है कि वे इससे खुश होते हैं या नाराज होते हैं।






