मोदी सरकार की गारंटी, पैसों की वजह से नहीं छूटेगी पढ़ाई

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नई दिल्ली, 07 नवंबर (The News Air): अक्सर होता ये हैं कि जो अमीर लोग यानी पैसे वाले पेरेंट्स होते हैं वे अपने बच्चों को अच्छे कॉलेज में पढाते है, लेकिन कहीं ना कहीं मिडिल क्लास के बच्चें शिक्षा के क्षेत्र मे पीछे रह जाते हैं, क्योंकि उनके पेरेंट्स के पास इतना पैसा नहीं होता हैं कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करा सकें। लेकिन अब हर बच्चें के लिए शिक्षा प्राप्त करना आसान हो गया है, क्योंकि मोदी सरकार ने हर मिडिल क्लास के बच्चों को लिए एक बड़ा ऐलान किया हैं, चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल मोदी सरकार ने देश के उन मिडिल क्लास और युवाओं को बड़ी राहत दी हैं, जो पैसों की कमी की वजह से पढ़ाई को बीच में छोड़ देते थे या फिर आगे पढ़ ही नहीं पाते थे, मोदी कैबिनेट ने ऐसे युवाओं को और मीडिल क्लास को 10 लाख रुपए का लोन देने का ऐलान किया हैं, वास्तम में कैबिनेट ने लोन देने का ऐलान पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत दिया हैं। वहीं इस लोन के लेने के लिए आपको किसी भी तरह गारंटी की जरूरत नही होगी। यहां तक कि लोन के ब्याज पर भी सब्सिडी दी जाएगी, आइए जानते हैं सरकार की ओर से किस तरह का ऐलान किया गया हैं।

ये हैं सरकार का बडा ऐलान 

केद्र सरकार ने कैबिनेट में फैसला लेते हुए युवाओं को बिना गारंटी वाला 10 लाख का लोन देने का ऐलान किया हैं, सरकार के फैसले के अनुसार 3 फीसदी की ब्याज छूट के साथ छात्रों को 10 लाख तक का लोन दिया जाएगा, वैसे सरकार की ओर से इस लोन की अपर लिमिट तय नहीं की हैं, जरुरत के हिसाब से इस लोन की राशि में इजाफा भी किया जा सकता हैं, ये लोन उन लोगों को दिया जाएगा, जिनके परिवार की कुल आय 8 लाख रुपए या उससे कम होगी, सरकार की ओर से साफ कहा गया हैं कि अब पैसों की कमी की वजह से किसी भी परिवार के होनहार बच्चे को पढाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी, वह आसानी से अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे।

क्या है पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम?

वास्तव में सरकार की ओर पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम की शुरुआत की हैं, इस स्कीम के तहत गरीब परिवारों के उन होनहार छात्रों और छात्राओं की पैसों से मदद की जाएगी जो पैसों की किल्लत की वजह से हायर स्टडीज नहीं कर पा रहे हैं, या फिर बीच में छोड़ रहे हैं, ये स्कीम सिर्फ लड़कियों के लिए नही बल्कि लड़कों के लिए भी होगी, इस स्कीम से ऐसे बच्चों को आगे बढ़ने और पढ़ने की प्रेरणा मिलेगी जो पैसों की कमी की वजह से नही कर पा रहे थे।

एफसीआई को 10,700 करोड़ का बूस्टर डोज 

वहीं दूसरी और सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पब्लिक सेक्टर की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की बुधवार को मंजूरी दे दी, भारतीय खाद्य निगम खाद्यान्नों की खरीद व वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी हैं, एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में एफसीआई में 2024-25 के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की मंजूरी दी गई हैं।

क्यों लिया गया ये फैसला?

इस निर्णय का मकसद कृषि क्षेत्र को बढावा देना तथा देशभर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना हैं, बयान के अनुसार यह रणनीतिक कदम किसानो को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धिता को दर्शाता हैं, एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी पूजी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी।

FCI को होगा ये फायदा

FCI के पिरचालन में अब कई गुना वृद्धि हो चुकी हैं, फरवरी 2023 में FCI की अधिकृत पूंजी 11 करोड़ रुपये से बढकर 21 करोड़ रुपये हो गई हैं, वित्त वर्ष 2019-20 में FCI की इक्विटी पूंजी 4,496 करोड़ रुपये थी, जिसे 2023-24 में बढ़ाकर 10,157 करोड़ रुपये कर दिया गया, बयान में कहा गया कि अब भारत सरकार ने FCI के लिए 10,700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण इक्विटी पूंजी की मंजूरी दे दी हैं, जिससे इसे वित्तीय रूप से मजबूती मिलेगी और इसके परिवर्तन के लिए उठाए गए कदमों को बढ़ावा मिलेगा।

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