Petrol-Diesel GST Impact: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है और इसमें पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स (Petroleum Products) को GST (Goods and Services Tax) के तहत लाने की संभावना को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। यदि पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर GST लागू होता है, तो देशभर में फ्यूल की कीमतें एकसमान हो सकती हैं और यह आम जनता और इंडस्ट्री दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
पेट्रोल-डीजल पर GST से क्या होगा बदलाव?
वर्तमान में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) और वैट (VAT) लगाया जाता है। राज्य सरकारें अपने हिसाब से VAT की दरें तय करती हैं, जिसके कारण अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भिन्न होती हैं।
- अगर पेट्रोल और डीजल को GST के तहत लाया जाता है, तो “वन नेशन, वन टैक्स” का सपना साकार हो सकता है।
- GST से वैट और एक्साइज ड्यूटी समाप्त हो जाएंगे और केवल एक टैक्स लागू होगा। इससे कीमतों में कमी की संभावना है।
वर्तमान टैक्स सिस्टम: पेट्रोल-डीजल की कीमत कैसे तय होती है?
फ्यूल की कीमत चार मुख्य घटकों से मिलकर बनती है:
- बेसिक कीमत (Basic Price): इसमें उत्पादन और ट्रांसपोर्ट का खर्च शामिल होता है।
- डीलर का कमीशन (Dealer Commission): बेसिक कीमत में डीलर का मार्जिन जोड़ा जाता है।
- एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty): केंद्र सरकार का टैक्स।
- वैट (VAT): राज्य सरकार द्वारा लगाया गया टैक्स।
यदि GST लागू होता है, तो इन चार घटकों में से दो बड़े टैक्स (एक्साइज और वैट) हट जाएंगे, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी।
GST से क्या होंगे फायदे?
1. देशभर में समान कीमतें: GST लागू होने से Petrol-Diesel की कीमतें हर राज्य में समान हो जाएंगी। उदाहरण के तौर पर, अभी दिल्ली में पेट्रोल ₹96 प्रति लीटर और मुंबई में ₹106 प्रति लीटर है। GST लागू होने के बाद यह अंतर खत्म हो जाएगा।
2. लॉजिस्टिक्स सस्ता होगा: फ्यूल सस्ता होने से ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स (Transport and Logistics) की लागत घटेगी, जिससे सामान की कीमतें कम होंगी।
3. इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit): GST लागू होने से कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत घटेगी।
इंडस्ट्री और विशेषज्ञों की राय
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) का कहना है कि पेट्रोल-डीजल पर GST लागू होने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- फ्यूल सस्ता होने से लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी, जिससे ट्रेडर्स और मैन्युफैक्चरर्स को फायदा होगा।
- हालांकि, GST लागू करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहमति बनानी होगी, क्योंकि VAT राज्यों की आय का बड़ा हिस्सा है।
क्या सरकार Budget 2025 में बड़ा ऐलान करेगी?
2017 में GST लागू होने के दौरान पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को इससे बाहर रखा गया था। लेकिन अब विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बार पेट्रोल और डीजल को GST के तहत लाने का संकेत दे सकती है।
- फ्यूल पर GST लागू करने से केंद्र और राज्य सरकारों को अपने राजस्व का पुनर्गठन करना होगा।
- बजट 2025 में इस पर घोषणा की उम्मीद कम है, लेकिन संकेत दिए जा सकते हैं।
GST लागू होने पर पेट्रोल-डीजल की संभावित कीमतें
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पेट्रोल-डीजल पर 28% GST लागू किया जाता है, तो इनकी कीमतें वर्तमान दर से 15-20% तक कम हो सकती हैं।
- अभी पेट्रोल की औसत कीमत ₹100 प्रति लीटर है। GST लागू होने के बाद यह ₹80-85 प्रति लीटर तक आ सकती है।
- डीजल की कीमत भी ₹70-75 प्रति लीटर के बीच हो सकती है।
Budget 2025 से देश को कई उम्मीदें हैं। यदि पेट्रोल-डीजल को GST के तहत लाने का फैसला होता है, तो यह कदम न केवल आम जनता के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि उद्योगों को भी मजबूती देगा। हालांकि, राज्यों और केंद्र के बीच सहमति इस दिशा में सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण कदम है। फिर भी, अगर इस बजट में संकेत भी मिलते हैं, तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।