ढाका, 26 दिसंबर (The News Air): बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले हिंदू समुदाय पर अत्याचार की खबरें सामने आईं और अब ईसाई त्रिपुरा समुदाय को निशाना बनाया गया है। क्रिसमस की रात बंदरबन जिले के कुंडजिरी इलाके में त्रिपुरा समुदाय के 17 घरों को अज्ञात बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया।
घटना का विवरण: यह घटना तब हुई जब त्रिपुरा समुदाय के लोग अपने गांव से बाहर एक चर्च में क्रिसमस का त्योहार मनाने गए थे। घटना के बाद लौटने पर उन्होंने पाया कि उनके 19 में से 17 घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। इस हमले से न केवल उनका आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि उनकी भावनाओं को भी गहरी चोट पहुंची।
पीड़ितों की व्यथा: गंगमनी त्रिपुरा, जो इस घटना की एक पीड़िता हैं, ने कहा,
“क्रिसमस हमारे लिए खुशी का दिन था, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। अब हम न्याय और अपराधियों को सख्त सजा की मांग करते हैं।”
त्रिपुरा समुदाय का इतिहास और संघर्ष: कुंडजिरी क्षेत्र में त्रिपुरा समुदाय पीढ़ियों से निवास करता रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कुछ साल पहले समुदाय को जबरन उनके घरों से निकाल दिया गया था, जब यह दावा किया गया कि यह क्षेत्र एक पुलिस अधिकारी की पत्नी को किराए पर दे दिया गया है। इसके बाद क्षेत्र में पेड़ लगाए गए, और समुदाय को बार-बार धमकियों का सामना करना पड़ा।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया: घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि अपराधियों की पहचान कर उन्हें सख्त सजा दी जाएगी। हालांकि, त्रिपुरा समुदाय को लगता है कि उनका संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।
बांग्लादेश में बढ़ते अल्पसंख्यक उत्पीड़न: पिछले कुछ वर्षों में, बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। ये समुदाय अक्सर धार्मिक चरमपंथियों और संपत्ति विवादों के चलते निशाना बनते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का इंतजार: बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चिंतित है। यह देखना होगा कि क्या ये हमले किसी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई या निंदा का कारण बनते हैं।