नई दिल्ली, 11 मार्च (The News Air) आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसी के साथ देश में अब सीएए लागू हो गया है. सीएए के अमल में आ जाने के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच साल तक निवास करने के बाद भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.
11 दिसंबर, 2029 को राज्यसभा में हुआ था पास
राज्यसभा द्वारा 11 दिसंबर, 2019 को सीएए पारित करने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें आंदोलनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ तीखी झड़प हुई थी, जिससे प्रशासन को कई कस्बों और शहरों में कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि सीएए नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा.
पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में हुआ था विरोध
दरअसल, 2019 में जब सीएए कानून को संसद से हरी झंडी मिली थी तब पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन करने वालों को कहना था कि सरकार वोटबैंक की राजनीति कर रही है इसलिए इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है. कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उस समय सरकार सीएए को ठंडे बस्ते में डाल दी थी. हालांकि, समय-समय पर इस मुद्दे पर चर्चा होती रही.