Sarpankha Root Remedy for Venus : क्या आप कला जगत से जुड़े हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही? क्या विवाह में लगातार देरी हो रही है या फिर आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही? अगर आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो ज्योतिष शास्त्र में इसका एक बेहद प्रभावशाली और सरल उपाय मौजूद है। पंडित जी के अनुसार, ‘सरपंखा की जड़’ (Sarpankha Root) का सही इस्तेमाल आपके जीवन की दिशा बदल सकता है। यह जड़ सीधे तौर पर शुक्र ग्रह से संबंधित है, जो हमारे जीवन में विलासिता और सुख का कारक है।
शुक्र ग्रह और जीवन पर इसका प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, Sarpankha की जड़ का सीधा संबंध शुक्र ग्रह (Venus) से है। शुक्र ग्रह को संगीत (Music), कला (Art), विवाह (Marriage), पैसा (Money), विलासिता (Luxury) और नेत्रों का कारक माना गया है।
अगर किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर है, तो उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर आंखों की रोशनी पर इसका असर पड़ता है। जब सूर्य और शुक्र एक साथ द्वितीय या द्वादश भाव में होते हैं, तभी व्यक्ति को चश्मा चढ़ता है। यदि इन दोनों की डिग्री और राशि अंश समान हो जाएं, तो बच्चा जन्म से ही नेत्रहीन (Blind) भी हो सकता है।
विवाह और संतान सुख में बाधा
जिन लोगों की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त है, नीच राशि में है या नीच नवांशक में है, उन्हें विवाह में देरी का सामना करना पड़ता है। बात सिर्फ शादी तक नहीं रुकती। विवाह के बाद भी समस्याएं आ सकती हैं।
पुरुषों में Sperm की कमी और महिलाओं में अंडे न बनने की समस्या हो सकती है, जिससे संतान प्राप्ति में भी दिक्कत आती है। ऐसे में शुक्र को शांत और मजबूत करना बेहद जरूरी हो जाता है।
सरपंखा की जड़ धारण करने के लाभ
शुक्र के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सरपंखा की जड़ धारण करना रामबाण इलाज बताया गया है। इसे पहनने से न केवल वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती हैं। यह जड़ बुखार (Fever), खांसी (Cough), एलर्जी (Allergy) और अस्थमा (Asthma) जैसी बीमारियों को ठीक करने में मददगार साबित होती है।
धारण करने की विधि और नियम
इस जड़ का पूरा लाभ लेने के लिए इसे सही तरीके से धारण करना आवश्यक है:
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दिन: इसे शुक्रवार (Friday) के दिन धारण करना चाहिए।
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तैयारी: जड़ को पहले गंगाजल से धोकर पवित्र करें।
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विधि: इसे सफेद रेशमी धागे (White Silk Thread) में बांधें।
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धारण: इसे अपनी दाहिनी बांह (Right Arm) या गले में पहनें।
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मंत्र: धारण करते समय “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का जाप करें।
इसके अलावा, शुक्र की शांति के लिए वैदिक मंत्रों का 72,000 बार जप, हवन और तर्पण भी कराया जा सकता है। साथ ही चावल, सफेद कपड़ा, दही, चीनी और इत्र (Perfume) का दान करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
जानें पूरा मामला
यह जानकारी एक ज्योतिषीय चर्चा के दौरान सामने आई, जहां पंडित जी ने शुक्र ग्रह के कमजोर होने से जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों और उनसे बचने के लिए सरपंखा की जड़ के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटी सी जड़ और सही वैदिक उपाय व्यक्ति के जीवन में संगीत, कला और दांपत्य सुख का संचार कर सकते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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Venus Connection: सरपंखा की जड़ शुक्र ग्रह से जुड़ी है, जो विवाह, कला और धन का कारक है।
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Health Benefits: यह जड़ अस्थमा, एलर्जी और आंखों की समस्याओं में लाभकारी है।
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How to Wear: इसे शुक्रवार को गंगाजल से धोकर, सफेद रेशमी धागे में दाहिनी भुजा या गले में पहनें।
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Infertility Remedy: कमजोर शुक्र के कारण होने वाली संतान प्राप्ति की समस्याओं में यह उपाय मददगार है।
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Mantra: धारण करते समय ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’ का जाप करना अनिवार्य है।






