मुंबई (Mumbai) 25 जनवरी (The News Air): महाराष्ट्र सरकार ने बांग्लादेशी अप्रवासियों (Bangladeshi Immigrants) के बढ़ते मुद्दे को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। यह SIT अब ‘विलंबित’ (Delayed) जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों की जांच करेगी, जिनके माध्यम से अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) का भारत में प्रवेश हो सकता है।
बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी से घिरी अवैध प्रवासी समस्या
मुंबई में हाल ही में फिल्म अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पर चाकू से हमला करने के आरोप में 30 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर (Shariful Islam Shehzad Mohammad Rohilla Amin Fakir) को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध तरीके से भारत में प्रवेश और उनके देश में रह रहे होने का मुद्दा और भी गरमा गया है।
एसआईटी का गठन और इसकी जिम्मेदारी
महाराष्ट्र सरकार ने बांग्लादेशी अप्रवासियों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों के विलंबित आवेदनों की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस SIT की अध्यक्षता महानिरीक्षक दत्ता कराले (Inspector General Datta Karale) करेंगे। SIT के सदस्य विलंबित जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों के मामलों की जांच करेंगे, जो एक साल या उससे ज्यादा समय बाद दाखिल किए गए थे।
विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों की गंभीरता
विलंबित आवेदन (Delayed Applications) वे होते हैं, जो व्यक्ति के जन्म या मृत्यु के कम से कम एक साल बाद प्रस्तुत किए जाते हैं। ये प्रमाणपत्र अक्सर अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) के लिए भारत में कानूनी तौर पर रहने की अनुमति देने के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं। यह कदम ऐसे मामलों की जांच करने और अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले लोगों को भारत में बसने से रोकने के लिए उठाया गया है।
चंद्रशेखर बावनकुले की पुष्टि और जांच का विस्तार
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Revenue Minister Chandrashekhar Bawankule) ने पीटीआई को बताया कि SIT जांच में पहले से जारी किए गए प्रमाणपत्रों और प्राप्त आवेदनों का भी समावेश किया जाएगा। यह पूरी जांच प्रक्रिया इस तरह से की जाएगी, जिससे बांग्लादेशी और अन्य अवैध प्रवासियों का भारत में प्रवेश रोका जा सके।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया का आरोप
सरकार द्वारा SIT बनाने का फैसला बीजेपी नेता किरीट सोमैया (BJP Leader Kirit Somaiya) के आरोपों के बाद लिया गया है। सोमैया ने दावा किया था कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 के बीच अकोला (Akola) शहर के मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा 269 विलंबित जन्म पंजीकरण आदेश जारी किए गए थे। इसके साथ ही तहसीलदारों ने 4,849 विलंबित जन्म आवेदनों को पंजीकृत करने के आदेश दिए थे।
विलंबित आवेदन और बांग्लादेशी रोहिंग्याओं का मुद्दा
स्मरणीय है कि सोमैया ने यह भी आरोप लगाया था कि यवतमाल (Yavatmal) में 11,864, अकोला (Akola) में 15,845, और नागपुर (Nagpur) जिले में 4,350 विलंबित आवेदन किए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि दो लाख (2 Lakh) बांग्लादेशी रोहिंग्याओं ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ गई है।
इस SIT के गठन से सरकार ने अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उनकी संख्या को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम से न केवल महाराष्ट्र की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह राज्य में कानून-व्यवस्था को भी बनाए रखेगा। अब यह देखना होगा कि SIT द्वारा की जा रही जांच कितनी प्रभावी साबित होती है, और क्या इससे बांग्लादेशी और अन्य अवैध प्रवासियों की समस्या का समाधान हो पाता है।