Maharashtra Budget 2025 में वित्त मंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की। इस बजट में जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर और जनकल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई, वहीं कई ऐतिहासिक हस्तियों के स्मारकों की भी घोषणा हुई। डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. B.R. Ambedkar), अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee), बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) और छत्रपति संभाजी महाराज (Chhatrapati Sambhaji Maharaj) के नाम पर भव्य स्मारक बनाए जाएंगे।
बजट में घोषित प्रमुख स्मारक
संभाजी महाराज मेमोरियल (Sambhaji Maharaj Memorial) – महाराष्ट्र के संगमेश्वर (Sangameshwar) में छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में भव्य स्मारक बनाया जाएगा।
आंबेडकर मेमोरियल (Ambedkar Memorial) – मुंबई के इंदु मिल (Indu Mill) में बन रहा डॉ. भीमराव अंबेडकर का स्मारक जल्द पूरा किया जाएगा।
बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल (Balasaheb Thackeray Memorial) – मुंबई में बन रहे बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल के दूसरे चरण के लिए 220 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक (Atal Bihari Vajpayee Memorial) – पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने उनके सम्मान में स्मारक बनाने की घोषणा की है।
छत्रपति शिवाजी स्मारक (Chhatrapati Shivaji Memorial) – उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) में उस स्थान पर शिवाजी महाराज का स्मारक बनाया जाएगा, जहां से वे मुगलों की कैद से मुक्त होकर निकले थे।
मराठी अस्मिता और भाषा पर विशेष जोर
महाराष्ट्र सरकार ने इस बजट में मराठी अस्मिता को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब 3 अक्टूबर को ‘मराठी भाषा सम्मान दिवस’ (Marathi Bhasha Samman Diwas) मनाया जाएगा, जो हिंदी दिवस (Hindi Diwas) की तर्ज पर होगा। यह फैसला तमिलनाडु और दक्षिण भारतीय राज्यों में बढ़ते भाषा विवादों के बीच लिया गया है।
राजनीतिक समीकरणों पर सरकार की नजर
महाराष्ट्र सरकार ने इस बजट में स्मारकों के माध्यम से विभिन्न समुदायों को साधने की कोशिश की है।
- आंबेडकर स्मारक से दलित समाज को सम्मान देने का प्रयास किया गया है।
- अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक से उत्तर भारतीय और राष्ट्रवादी विचारधारा को लुभाने की कोशिश की गई है।
- बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल मराठी अस्मिता को मजबूत करने के लिए अहम साबित हो सकता है।
- संभाजी महाराज और शिवाजी महाराज स्मारक महाराष्ट्र की ऐतिहासिक भावनाओं को केंद्र में रखते हैं।
महाराष्ट्र सरकार का यह बजट न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास पर केंद्रित है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक समीकरणों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। आने वाले वर्षों में इन स्मारकों के निर्माण से महाराष्ट्र की पहचान और सशक्त होगी, लेकिन इसके लिए सरकार को इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने पर ध्यान देना होगा।