The News Air (LPG Price): केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में कीमतें नीचे आती हैं तो सरकार उपभोक्ताओं को रसोई गैस सिलेंडर (LPG Price) पर सब्सिडी के जरिए राहत दे सकती है। उन्होंने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय ईंधन की कीमतें 750 डॉलर प्रति मीट्रिक टन की मौजूदा कीमत से नीचे आती हैं तो घरेलू PLG को “किफायती कीमत” पर बेचा जा सकता है।
बता दें कि भारत सरकार कुल घरेलू जरूरत की करीब 60 फीसदी गैस आयात करती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 200 रुपये की सब्सिडी इस समय दी जाती है। यह सब्सिडी क्या है? यह टैक्सपेयर्स का पैसा है… जो सबसे कमजोर हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा मदद के लिए तैयार हैं अगर इसे इस सदन और माननीय प्रधानमंत्री पर छोड़ दिया जाए यह आदर्श होगा।
पुरी ने रसोई गैस पर लोगों को अधिक सब्सिडी प्रदान करने पर एक सवाल के जवाब में कहा, “दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो सालों के दौरान सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस 250 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर 900 डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो गया है। यदि इंटरनेशनल सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस 750 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से नीचे आ जाती है, तो इससे घरेलू एलपीजी को और भी किफायती दरों पर बेचा जा सकेगा।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंटरनेशनल लेवल पर गैस की बढ़ती कीमतों के बावजूद सरकार उपभोक्ता आबादी की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है। पुरी ने आगे कहा कि हमने घरेलू एलपीजी की कीमत में वृद्धि नहीं होने दी। सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस में 333 प्रतिशत की वृद्धि हुई और फिर भी घरेलू एलपीजी की कीमत में बहुत कम वृद्धि हुई थी।
उन्होंने सदन को बताया कि महामारी के दौरान भी, जब लॉकडाउन के कारण गरीब पीड़ित थे, सरकार ने उन्हें तीन सिलेंडर मुफ्त में दिए। पुरी ने बताया कि 2014 में 14 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन थे। आज 31 करोड़ से अधिक रसोई गैस कनेक्शन हैं और इसके अतिरिक्त गैस पाइपाइन का विस्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि विपणन कंपनियों ने गैस की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं, जबकि उन्हें बहुत नुकसान हुआ है। उन्हें 28,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने बताया कि पिछले साल एलपीजी गैस का घरेलू उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की मांग भी बढ़ रही है।