The News Air:दूसरों के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला चीन खुद जाल में फंसता जा रहा है। वहां कोरोना की नई लहर कहर बरपा रही है। शंघाई कई दिन से लॉकडाउन में है। बताया जा रहा है कि लोगों तक खानेपीने की चीजें नहीं पहुंच पा रही है। महंगाई बहुत बढ़ गई है। मार्च में महंगाई में अनुमान से ज्यादा उछाल आया। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है।
चीन में मार्च में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) बढ़कर 8.3 फीसदी पर पहुंच गया। इसमें सप्लाई में दिक्कत और एनर्जी की कीमतों में उछाल का बड़ा हाथ है। एक के बाद एक लॉकडाउन और यूक्रेन क्राइसिस का असर कीमतों पर पड़ा है। हालांकि, फरवरी के मुकाबले पीपीआई कम है, लेकिन यह अब भी इकोनॉमिस्ट्स के अनुमान से ज्यादा है। मार्च में सर्विसेज सेक्टर में एक्टिविटीज में दो साल में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली।
रोजमर्रा की चीजों और सेवाओं की कीमतों की महंगाई बताने वाला कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स मार्च में 1.5 फीसदी पर पहुंच गया है। फरवरी में यह 0.9 फीसदी था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन का असर प्रोडक्शन एक्टिविटीज पर पड़ा है। सरकार कोरोना की नई लहर को काबू में करने के लिए सख्त उपाय अपना रही है। रविवार को कोरोना से सक्रमण के 26,411 नए मामले आए। सोमवार को शंघाई में लॉकडाउन का तीसरा दिन था।
एक्सपर्ट्स ने आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ने का आशंका जताई है। उनका यह भी मानना है कि अगर हालात में सुधार नहीं आया तो चीन 2022 में 5.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ के लक्ष्य को हासिल करने से चूक जाएगा। नोमुरा के एनालिस्ट्स का कहना है कि कोरोना की नई लहर का असर फसलों की बुआई पर पड़ेगा। यूक्रेन क्राइसिस की वजह से पहले ही सप्लाई में दिक्कत आ रही है। इससे इस साल की दूसरी छमाही में फूड प्राइसेज पर दबाव बढ़ जाएगा।
नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “फूड और एनर्जी प्राइसेज बढ़ने से चीन के सेंट्रल बैंक के लिए इंट्रेस्ट रेट्स घटाना मुश्किल हो जाएगा।” चीन की सरकार इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए कदम उठा रही है। उसने सरकारी खर्च बढ़ाने के साथ ही कुछ कंपनियों के लिए इनकम टैक्स रेट्स में कमी की है। लेकिन, कोरोना की वजह से इसका ज्यादा असर नहीं दिख रहा है।
आईएनजी में चीफ इकोनॉमिस्ट (ग्रेटर चाइना) इरिस पैंग ने कहा कि अगर लॉकडाउन जारी रहता है तो इस महीने शंघाई की इकोनॉमी 6 फीसदी गिर जाएगी। इससे चीन की कुल जीडीपी में 2 फीसदी तक की कमी आ सकती है।