नई दिल्ली, 21 दिसंबर (The News Air) इंडिया गठबंधन के सांसदों ने गुरुवार को 143 सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला। सांसदों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का सदन के बाहर बोलना विशेषाधिकार हनन का मामला है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के 120 सांसदों के साथ राज्यसभा में खड़े रहने और उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के मुद्दे पर नारे लगाने के बाद इंडिया गठबंधन के दलों ने भी सरकार की आलोचना की।
मोदी जी और उनकी सरकार ये नहीं चाहते कि सदन चले।
लोकतंत्र में सवाल करना हमारा अधिकार है। हम सवाल उठा रहे हैं कि संसद की सुरक्षा में जो चूक हुई, उस पर प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी बयान दें।
सदन, इस देश की सबसे बड़ी पंचायत है।अगर आप सदन में नहीं बोलेंगे तो कहाँ बोलेंगे ?… pic.twitter.com/WH9cuV3CT2
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 21, 2023
इंडिया गठबंधन दलों ने अपना मार्च पुराने संसद भवन से शुरू किया। यहां पर सभी निलंबित सांसद भी मौजूद थे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिन पर लिखा था, ‘141 सांसद निलंबित, क्या यह लोकतंत्र की जननी है।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”आज हम सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और मोदी जी नहीं चाहते कि सदन चले। लेकिन मैं माफी मांगता हूं क्योंकि चेयरमैन ने जातिगत आधार पर मुद्दा (मिमिक्री का मुद्दा) उठाया है।”
लोकतंत्र में अपनी बात रखना और देश के लोगों की भावनाओं को संसद तक पहुंचाना हमारा अधिकार है और हम यही कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”लेकिन लोकसभा में जो हुआ, हम दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाना चाहते थे कि सुरक्षा उल्लंघन कैसे हुआ, कौन जिम्मेदार है और सदन को बताएं कि ऐसा क्यों हुआ।”
उन्होंने कहा, ”आप सदन में नहीं बोलते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह सदन में नहीं आए और कारण नहीं बताया। हालांकि, उन्होंने वाराणसी में, अहमदाबाद में और टेलीविजन पर बात की लेकिन सदन में नहीं। उन्होंने सदन के साथ यह अनादर किया है।”
We, the people of India need to Save Democracy.
Passing important legislations by suspending Opposition MPs is not Democracy. It is the worst kind of authoritarianism.
Our future generations will not forgive us, if we do not raise our voices against this dictatorship, NOW ! pic.twitter.com/hGglS4GR90
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 21, 2023
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ”पीएम मोदी वाराणसी समेत हर जगह बोल रहे हैं। लेकिन, संसद सुरक्षा उल्लंघन घटना पर लोकसभा और राज्यसभा में नहीं बोल रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। यह भी नियमों के उल्लंघन के कारण विशेषाधिकार हनन का मामला है।”
सत्ता पक्ष के लोग संसद की कार्यवाही में खलल डाल रहे हैं। लेकिन, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बुधवार को यह पहली बार था कि संसदीय कार्य मंत्री 120 सांसदों के साथ राज्यसभा में खड़े थे और सांसद नारे लगा रहे थे। इससे पता चलता है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।
बुधवार को दो और सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया, जिससे निलंबित सांसदों की कुल संख्या 143 हो गई है।
विपक्षी गठबंधन ने 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई है। विपक्षी सांसदों ने 143 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन और संसद की ओर मार्च करने की योजना बनाई है।