Sidhu Moosewala Murder Case : सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) हत्या मामले की जांच से जुड़े एक महत्वपूर्ण रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर (Retired Sub-Inspector) की बीमारी के चलते शुक्रवार को मौत हो गई। इसी दिन उनकी पेशी मानसा (Mansa) कोर्ट में तय थी, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उनके निधन की खबर सामने आई। मृतक अधिकारी अंग्रेज सिंह उस वक्त मानसा थाना सिटी-1 (City-1 Police Station) के इंचार्ज थे जब 29 मई 2022 को पंजाब (Punjab) के गांव जवाहरके (Jawaharke) में मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी कुख्यात लॉरेंस गैंग (Lawrence Gang) ने ली थी।
अंग्रेज सिंह ने शुरुआती जांच की थी लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण वह सेवा से रिटायर हो गए थे। उनका बेटा भी पंजाब पुलिस (Punjab Police) में कार्यरत है। अब इस केस से जुड़े एक और बड़े घटनाक्रम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को लॉरेंस गैंग के गुर्गे राहुल सरकार (Rahul Sarkar) को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इसने गैंगस्टर लॉरेंस (Lawrence) के भांजे सचिन थापन (Sachin Thapan) को फेक पासपोर्ट बनवाने में मदद की, जिसके जरिये वह अजरबैजान (Azerbaijan) भाग गया था।
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत हुई गिरफ्तारी
राहुल सरकार की गिरफ्तारी 2022 में दर्ज उस FIR के तहत हुई है जिसमें गैरकानूनी गतिविधि (Unlawful Activities) के लिए फंडिंग और आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy) की धाराएं लगाई गई थीं। धारा 120-बी, 17, 18 और 18-बी के तहत दर्ज केस में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के निर्देश पर कार्रवाई की गई थी। गिरफ्तार आरोपी को उसी दिन दिल्ली (Delhi) की NIA कोर्ट में पेश किया गया।
सचिन थापन: गैंगस्टर और मुख्य साजिशकर्ता
सचिन थापन, जो पंजाब के फाजिल्का (Fazilka) का रहने वाला है, के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों में 15 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। हत्या, फिरौती और अवैध हथियार तस्करी जैसे अपराधों में वह शामिल रहा है। सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में उसे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था। पुलिस के अनुसार, उसने आरोपियों को बोलेरो कार उपलब्ध करवाई और बलदेव निक्कू तथा संजीव केकड़ा को रेकी के लिए तैयार किया था।
NIA द्वारा दायर चार्जशीट में उसके खिलाफ 155 गवाहों के आधार पर साक्ष्य पेश किए गए जिनमें से 8 सरकारी और 147 प्राइवेट गवाह थे। वह फेक पासपोर्ट के जरिए अनमोल बिश्नोई (Anmol Bishnoi) के साथ नेपाल (Nepal) होते हुए दुबई (Dubai) गया था, फिर वहां से अजरबैजान चला गया। लेकिन फर्जी पासपोर्ट के मामले में वह अजरबैजान में गिरफ्तार हो गया, जहां से उसे भारत लाया गया और जांच एजेंसियों ने पूछताछ की।
मूसेवाला की हत्या और अब तक की कार्रवाई
29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया था। गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) ने इसकी जिम्मेदारी ली थी और जग्गू भगवानपुरिया (Jaggu Bhagwanpuria) ने हत्या को अंजाम देने में मदद की थी। अब तक इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, 2 आरोपी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और 5 को विदेशों से लाया जाना बाकी है।
जांच अधिकारी की मौत का असर
पुलिस सूत्रों का मानना है कि यदि किसी केस का मूल जांच अधिकारी निधन हो जाए तो केस कमजोर हो सकता है। उसकी आंखों देखी गवाही और केस की रणनीति अदालत में अहम भूमिका निभाती है। नया अधिकारी केस को नए सिरे से देखता है, लेकिन पुरानी गहराई नहीं समझ पाता।
इस वजह से सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब जांच की दिशा और कानूनी लड़ाई पर इसका असर पड़ सकता है। हालांकि एजेंसियां और अदालत इस दिशा में नई रणनीति के साथ काम कर रही हैं।