Papalpreet Singh Transit Remand : पंजाब सरकार (Punjab Government) अब खालिस्तान समर्थक और सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के सहयोगी पपलप्रीत सिंह (Papalpreet Singh) पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। असम (Assam) के डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) जेल में बंद पपलप्रीत सिंह पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की अवधि समाप्त हो चुकी है और राज्य सरकार ने उसकी अवधि बढ़ाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब उसे पंजाब लाकर अजनाला (Ajnala) हिंसा मामले में आगे की कार्रवाई करना चाहती है।
NSA की अवधि खत्म होते ही अजनाला पुलिस स्टेशन (Ajnala Police Station) की एक टीम पपलप्रीत को पंजाब लाने के लिए डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हो चुकी है। पपलप्रीत को ट्रांजिट रिमांड (Transit Remand) के तहत पंजाब लाया जाएगा। पंजाब पुलिस वहां पहुंचकर पहले ट्रांजिट रिमांड की कानूनी प्रक्रिया पूरी करेगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पपलप्रीत को अजनाला पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 39 के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। यह मामला अजनाला हिंसा (Ajnala Violence) से जुड़ा है, जिसमें पहले ही अमृतपाल सिंह और उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार कर पंजाब लाया जा चुका है। पपलप्रीत को पंजाब लाकर अजनाला कोर्ट (Ajnala Court) में पेश किया जाएगा और फिर पुलिस उससे पूछताछ के लिए रिमांड मांगेगी।
इस मामले की पृष्ठभूमि 15 फरवरी 2023 की है, जब अजनाला पहुंचे चमकौर साहिब (Chamkaur Sahib) निवासी बरिंदर सिंह (Varinder Singh) का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था और उसके साथ मारपीट की गई थी। इस घटना में अमृतपाल सिंह की मौजूदगी की पुष्टि भी शिकायतकर्ता ने की थी। इसके बाद पुलिस ने अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
अजनाला थाने के बाहर अमृतपाल ने गिरफ्तारी देने का एलान किया था और बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ थाने पर धावा बोल दिया था। तत्कालीन एसपी हरपाल सिंह रंधावा (Harpal Singh Randhawa) ने बताया था कि हमला करने वालों के पास तलवारें, बंदूकें और श्री गुरु ग्रंथ साहिब (Shri Guru Granth Sahib) की पवित्र बीड़ भी थी, जिसके कारण पुलिस पीछे हट गई थी।
इस पूरे घटनाक्रम में तूफान सिंह (Toofan Singh) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और अब पपलप्रीत सिंह को भी अजनाला केस में शामिल किया जा रहा है। पंजाब सरकार का यह कदम यह दिखाता है कि अब अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर पूरी तरह से कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है।