KGMU Conversion Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से एक बेहद ही गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मेडिकल छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगा है, जिसके बाद छात्रा ने आत्महत्या तक करने की कोशिश की।
इस घटना ने मेडिकल जगत और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। पीड़िता के पिता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीधे मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। मामला संज्ञान में आते ही शासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और यूनिवर्सिटी प्रशासन से लेकर पुलिस तक, हर कोई हरकत में आ गया है।
दोस्ती, दबाव और फिर खौफ
शिकायत के मुताबिक, पीड़ित छात्रा बंगाल की रहने वाली है, जबकि आरोपी छात्र उत्तराखंड का निवासी है। दोनों KGMU में एक ही क्लास में पढ़ते हैं और उनके बीच दोस्ती थी। आरोप है कि इसी दोस्ती की आड़ में छात्र ने छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया। वह लगातार उसे इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर कर रहा था। जब छात्रा ने इससे इनकार किया, तो उस पर मानसिक दबाव इतना बढ़ा दिया गया कि उसने अपनी जान देने की कोशिश (Suicide Attempt) कर ली।
आरोपी छात्र का पुराना रिकॉर्ड: ‘सीरियल ऑफेंडर’?
इस मामले में सबसे हैरान करने वाला पहलू आरोपी छात्र का पिछला रिकॉर्ड है। KGMU के प्रवक्ता डॉ. के.के. ने वीडियो में जानकारी दी कि लड़की के पिता ने शिकायत में एक और गंभीर खुलासा किया है। आरोपों के अनुसार, आरोपी छात्र का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एक महिला डॉक्टर के साथ अफेयर के बाद उसने उसका धर्म परिवर्तन कराया था।
पिता का कहना है कि उस घटना के महज तीन महीने बाद ही वह उनकी बेटी के साथ भी वही खेल खेलने लगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि अगर यह सच है, तो यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य (Criminal Offense) है और इसकी जांच उसी दिशा में होनी चाहिए।
नोटिस जारी, छात्र-छात्रा गायब
घटना के तूल पकड़ते ही KGMU प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्र और पीड़ित छात्रा, दोनों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि दोनों की तरफ से कोई जवाब या फीडबैक नहीं मिल रहा है।
विश्लेषण: प्रशासन की सख्ती और छात्रों की चुप्पी
इस पूरे प्रकरण में एक अजीब सन्नाटा है जो कई सवाल खड़े करता है। तीन दिन पहले यानी शुक्रवार तक दोनों छात्र अपनी क्लास अटेंड कर रहे थे, लेकिन नोटिस जारी होते ही दोनों ने चुप्पी साध ली है। यह मामला सिर्फ दो छात्रों के आपसी विवाद का नहीं, बल्कि एक संस्थान के अंदर चल रही गतिविधियों पर भी सवाल उठाता है। अगर आरोपी पर पहले से ही धर्मांतरण के आरोप थे, तो उस वक्त सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई? प्रशासन द्वारा अब ‘विशाखा कमेटी’ और छात्र संगठन के जरिए जांच की बात कहना, डैमेज कंट्रोल की कोशिश ज्यादा नजर आती है। पिता को सीधे सीएम पोर्टल का सहारा लेना पड़ा, यह भी सिस्टम पर सवालिया निशान है।
‘जानें पूरा मामला’
पीड़िता के पिता द्वारा सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद यह मामला खुला। शिकायत में स्पष्ट कहा गया कि धर्मांतरण के लिए ना कहने पर बेटी को प्रताड़ित किया गया। फिलहाल, पुलिस और KGMU की इंटरनल कमेटी जांच में जुटी है। दोनों छात्रों के एडमिशन के समय दिए गए डेटाबेस को खंगाला जा रहा है ताकि उनके बैकग्राउंड की पूरी जानकारी मिल सके। आरोपी छात्र उत्तराखंड का और पीड़िता बंगाल की बताई जा रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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KGMU में छात्र पर अपनी क्लासमेट (छात्रा) पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोप।
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पीड़िता के पिता ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की, छात्रा द्वारा आत्महत्या के प्रयास की बात कही।
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आरोपी छात्र पर 3 महीने पहले भी एक महिला डॉक्टर का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप।
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दोनों छात्र शुक्रवार के बाद से प्रशासन के संपर्क में नहीं हैं, जांच जारी।






