नई दिल्ली, 16 सितंबर (The News Air)
एकतरफ कांग्रेस (Congress) पार्टी के युवा नेता दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं तो दूसरी तरफ़ पार्टी इसकी भरपाई के लिए नए युवा नेताओं की आउटसोर्सिंग में जुटी है. ख़बर है कि कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
राहुल गांधी से मिले कन्हैया-सूत्रों के मुताबिक़, मंगलवार रात को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (CPI) नेता और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाक़ात हुई. इस बैठक के बाद ये कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार जल्द कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. कन्हैया को बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) में अहम ज़िम्मेदारी देने की बात भी चल रही है. उन्हें बिहार कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
युवा नेताओं की कांग्रेस को ज़रूरत-कन्हैया कुमार के साथ ही गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी को भी कांग्रेस पार्टी आउटसोर्स करने की तैयारी में है. जिग्नेश को भी गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress) में बड़ी ज़िम्मेदारी मिल सकती है. गुजरात में अगले साल विधान सभा चुनाव हैं. ऐसे में हार्दिक पटेल और जिग्नेश जैसे युवा नेताओं को चुनाव अभियान की कमान दी जा सकती है. वैसे आउटसोर्सिंग का ये सिलसिला कांग्रेस में पहले ही शुरू हो चुका था. नवजोत सिंह सिद्धू ने जब बीजेपी का दामन छोड़ा तो कांग्रेस ने उन्हें थाम लिया और आज वो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं.
आउटसोर्सिंग का idea किसका?-अब सवाल ये है कि आउटसोर्सिंग का ये आइडिया किसका है? कहा ये जा रहा है कि ये सब प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की सलाह पर हो रहा है. हालांकि ख़ुद प्रशांत किशोर कब कांग्रेस ज्वाइन करेंगे, इस पर लंबे समय से क़यास ही लगाया जा रहा है. सवाल ये है कि आख़िर कांग्रेस पार्टी को इन युवा नेताओं को आउटसोर्स करने की ज़रूरत क्यों पड़ रही है. वजह साफ़ है, 2014 से लेकर अबतक राहुल गांधी और केंद्रीय नेतृत्व से नाराज़ होकर पार्टी के तमाम युवा नेता कांग्रेस पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों का दामन थाम चुके हैं. ऐसे नेताओं की फ़ेहरिस्त लंबी है.
कांग्रेस की नैया पार लगाने की मुहिम-असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और प्रियंका चतुर्वेदी. इनमें से ज़्यादातर नेताओं को कांग्रेस छोड़ने का इनाम मिला. यही नहीं सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा जैसे नेता भी लंबे समय से नाराज़ चल रहे हैं. लगता है कि कांग्रेस पार्टी प्रशांत किशोर, जिग्नेश मेवानी और कन्हैया के ज़रिए पार्टी की नैया पार लगाने की मुहिम में जुट गई है.