Congress Party Internal Dispute एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां लुधियाना (Ludhiana) उपचुनाव से पहले कमलजीत सिंह कड़वल (Kamaljeet Singh Kadval) की कांग्रेस (Congress) में एंट्री ने पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है। 19 जून को होने वाले उपचुनावों से पहले पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) द्वारा कड़वल का पार्टी में स्वागत किया गया, लेकिन यह स्वागत अब विवाद का कारण बन गया है।
पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिमरजीत सिंह बैंस (Simarjit Singh Bains) ने इस जॉइनिंग को लेकर कड़ा ऐतराज़ जताया है। बैंस का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष या पार्टी हाईकमान (High Command) की जानकारी के बिना किसी को कांग्रेस में शामिल करना संगठन के प्रोटोकॉल (Protocol) के खिलाफ है। उन्होंने इस मामले की पार्टी स्तर पर जांच की मांग की है।
इसी बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Amrinder Singh Raja Warring) ने एक चैनल को दिए बयान में कहा कि उन्हें कड़वल की पार्टी में जॉइनिंग की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जो हो रहा है वह हाईकमान की निगरानी में है और वे इस पर ज़्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते। वड़िंग का यह बयान इस पूरे मामले को और पेचीदा बना रहा है।
मामले की गहराई में जाएं तो कड़वल को कांग्रेस में शामिल करने की पहल चरणजीत सिंह चन्नी ने की थी, जिसके बाद बैंस ने चन्नी पर तीखा हमला बोला। बैंस का कहना है कि जब कोई व्यक्ति पार्टी में शामिल होता है, तो उसका औपचारिक स्वागत या तो पार्टी हाईकमान या फिर प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति में होना चाहिए। लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ, जिससे संगठनात्मक अनुशासन टूटता है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चन्नी ने स्पष्ट किया कि भारत भूषण आशू (Bharat Bhushan Ashu) पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी (General Secretary) की अनुमति से ही किसी को सदस्यता दी जाती है। चन्नी ने कहा कि कांग्रेस एक संगठित पार्टी है और ऐसी बातें सार्वजनिक न होकर आंतरिक रूप से निपटाई जानी चाहिए।
बैंस ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग पहले पार्टी छोड़ चुके थे और अब दोबारा पार्टी में लौट रहे हैं, यह जांच का विषय है कि पहले उन्होंने किनके कहने पर पार्टी छोड़ी और अब किनके निर्देश पर दोबारा शामिल हो रहे हैं। बैंस ने याद दिलाया कि जब वे और उनके भाई कांग्रेस में शामिल हुए थे, तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उन्हें स्वयं पार्टी में शामिल किया था।
इस मुद्दे ने कांग्रेस के भीतर नेतृत्व की पारदर्शिता, संगठनात्मक नियमों और पार्टी के आंतरिक समन्वय पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ चन्नी की तरफ से कड़वल को स्वागत मिला, वहीं बैंस ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया और वड़िंग ने पूरी जानकारी से पल्ला झाड़ लिया। अब देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और क्या वाकई इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाती है।






