ITR Filing 2025 –आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2024-25 (Assessment Year 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return – ITR) फाइलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिन करदाताओं का ऑडिट नहीं होता, उन्हें 15 सितंबर 2025 तक अपना रिटर्न फाइल करना जरूरी है। हालांकि, ITR फाइल करना सिर्फ उनकी जिम्मेदारी नहीं है जिनकी आय टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा है, बल्कि वे लोग भी जिन्हें टैक्स नहीं देना होता, भविष्य के फायदे को देखते हुए ITR भर सकते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, यदि आपकी सालाना आय नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में ₹4 लाख से अधिक है तो ITR फाइल करना अनिवार्य है। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) में यह सीमा उम्र के हिसाब से तय है—
-
60 साल से कम: ₹2.5 लाख
-
60 से 80 साल: ₹3 लाख
-
80 साल से ऊपर: ₹5 लाख
ये सीमा टैक्स छूट (जैसे सेक्शन 80C, 80D) से पहले की है।
फिर किन हालात में ITR फाइल करना जरूरी हो जाता है?
अगर आपने विदेश यात्रा पर ₹2 लाख से अधिक खर्च किया है, या साल भर में ₹1 लाख से ज्यादा का बिजली बिल भरा है, तब भी ITR फाइलिंग अनिवार्य हो जाती है।
यदि आपके ऊपर ₹25,000 या उससे ज्यादा TDS या TCS कटा है (सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा ₹50,000 है), तब भी आपको ITR फाइल करना चाहिए।
यदि आपके पास विदेशी संपत्ति (foreign asset) है या विदेश में किसी बैंक खाते पर साइनिंग अधिकार है, तो भी ITR भरना जरूरी हो जाता है।
कंपनी (Company), फर्म (Firm) या पार्टनरशिप के मालिक होने की स्थिति में भी ITR अनिवार्य है।
कौन लोग स्वेच्छा से ITR भर सकते हैं?
अगर आपकी सैलरी से TDS कटता है और आप उसका रिफंड पाना चाहते हैं, या लोन, वीजा या किसी सरकारी स्कीम के लिए आय का सबूत देना है, तो भी ITR जरूरी डॉक्यूमेंट साबित होता है।
अगर व्यापार में घाटा हुआ है और आप उसे आगे कैरी फॉरवर्ड करना चाहते हैं, तो भी ITR फाइल करें।
यह आपकी फाइनेंशियल साख (financial credibility) मजबूत करता है, जो आगे टेंडर, फंडिंग आदि में मदद करता है।
कौन सा ITR फॉर्म आपके लिए सही है?
-
ITR-1 (Sahaj): नौकरीपेशा लोगों के लिए जिनकी आय ₹50 लाख तक हो।
-
ITR-2: जिनके पास पूंजीगत लाभ (Capital Gain), एक से अधिक घर या विदेशी संपत्ति हो।
-
ITR-3: बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई करने वालों के लिए।
-
ITR-4 (Sugam): Presumptive Tax वाले प्रोफेशनल्स और व्यापारियों के लिए जिनकी आय ₹50 लाख तक हो।
-
ITR-5: पार्टनरशिप फर्म, LLP, AOP आदि के लिए।
-
ITR-6: कंपनियां जो धार्मिक या चैरिटी से संबंधित छूट का दावा नहीं करतीं।
-
ITR-7: ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टी, यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाओं के लिए।
महत्वपूर्ण तारीखें:
-
बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स: 15 सितंबर 2025
-
ऑडिट वाले बिजनेस/फर्म्स: 31 अक्टूबर 2025
-
लेट फाइलिंग की अंतिम तारीख: 31 दिसंबर 2025
यदि आप तय तारीख तक ITR नहीं भरते हैं, तो सेक्शन 234F के तहत ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही रिफंड मिलने में भी देर हो सकती है।
इसलिए चाहे आप टैक्स दे रहे हों या नहीं, समय रहते ITR फाइल करें और भविष्य की जरूरतों के लिए खुद को फाइनेंशियली तैयार रखें।






