Fight Air Pollution at Home : सोचिए, अगर आपको पता चले कि आप रोजाना अनजाने में 7 सिगरेट पी रहे हैं, तो क्या आप डरेंगे नहीं? दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस लेना मौत को दावत देने जैसा हो गया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस जहरीली हवा के कारण हमारी औसत उम्र 8 साल तक कम हो सकती है। लेकिन घबराने की नहीं, सतर्क होने की जरूरत है। आज हम आपको बताएंगे वो वैज्ञानिक तरीके जिनसे आप अपने घर को एक “सेफ जोन” बना सकते हैं।
हवा में मौजूद PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) एक ऐसा अदृश्य हत्यारा है जो आपके बालों से भी 30 गुना छोटा होता है। यह सीधे आपके फेफड़ों से होते हुए खून में मिल जाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देता है।
‘सबसे पहले समस्या को मापें’
किसी भी जंग को जीतने के लिए दुश्मन को पहचानना जरूरी है। अपने घर की हवा की गुणवत्ता जांचने के लिए एक एयर क्वालिटी मॉनिटर (Air Quality Monitor) का इस्तेमाल करें।
हमें मुख्य रूप से PM 2.5 के स्तर को देखना होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह 15 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब से कम होना चाहिए, लेकिन उत्तर भारत में यह अक्सर 300-400 के पार होता है। हमारा लक्ष्य इसे घर के अंदर 20 के नीचे लाना होना चाहिए।
‘घर को करें सील’
एक स्टडी के मुताबिक, घर के अंदर मौजूद 54% से 96% प्रदूषण बाहर से आता है। इसलिए सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है—अपने घर को सील करना।
सिर्फ दरवाजा बंद करना काफी नहीं है। दरवाजों और खिड़कियों के नीचे जो छोटी-छोटी दरारें (Gaps) होती हैं, वहां से भी यह जहरीले कण अंदर घुस आते हैं। फोम या रबर सील का इस्तेमाल करके इन छेदों को पूरी तरह बंद करें। जब हवा का बहाव रुकेगा, तो धूल के कण जमीन पर बैठ जाएंगे।
‘झाड़ू को कहें ना’
प्रदूषण के दिनों में घर में झाड़ू लगाना सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है। अमेरिका में तो ऑफिस में ‘ड्राई स्वीपिंग’ (सूखी झाड़ू) पर बैन है।
जब आप झाड़ू लगाते हैं, तो जमीन पर बैठा हुआ PM 2.5 वापस हवा में उड़ने लगता है। साउथ कोरिया की एक रिसर्च में पाया गया कि झाड़ू लगाने से प्रदूषण का स्तर 8 गुना तक बढ़ सकता है। इसका सही विकल्प है—गीले पोछे का इस्तेमाल या HEPA फिल्टर वाला वैक्यूम क्लीनर।
‘एयर प्यूरीफायर: दिखावा नहीं, जरूरत’
अक्सर लोग एयर प्यूरीफायर को एक लक्जरी मानते हैं, लेकिन आज के दौर में यह एक जरूरत है। एयर प्यूरीफायर का विज्ञान बहुत सरल है—एक पंखा और एक फिल्टर।
खरीदते समय ब्रांड या डिजाइन पर न जाएं, सिर्फ “HEPA 13” या “True HEPA” फिल्टर देखें। यह फिल्टर 99.95% कणों को साफ कर सकता है। इसके अलावा CADR (Clean Air Delivery Rate) चेक करें, जो आपके कमरे के साइज के हिसाब से होना चाहिए। अगर आपका बजट कम है, तो आप घर पर ही एक पंखे और 4 HEPA फिल्टर की मदद से अपना ‘DIY एयर प्यूरीफायर’ बना सकते हैं, जो बाजार वाले प्यूरीफायर जितना ही असरदार होता है।
‘किचन और अगरबत्ती का सच’
हम बाहर के प्रदूषण को कोसते हैं, लेकिन घर के अंदर के प्रदूषण को नजरअंदाज कर देते हैं। कुकिंग, मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाना घर के अंदर PM 2.5 को खतरनाक स्तर (700+) तक ले जा सकता है।
यह सुनने में कड़वा लग सकता है, लेकिन अगरबत्ती और धूपबत्ती से निकलने वाला धुआं आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। खाना बनाते समय हमेशा एग्जॉस्ट फैन (Exhaust Fan) चलाएं और खिड़की खुली रखें। कुकिंग खत्म होने के 15 मिनट बाद तक एग्जॉस्ट फैन चलने दें ताकि हानिकारक गैसें बाहर निकल जाएं।
‘पौधों का भ्रम और हकीकत’
बहुत से लोग सोचते हैं कि घर में कुछ पौधे लगाने से हवा साफ हो जाएगी। यह एक बड़ा भ्रम है।
हालांकि पौधे मानसिक शांति और CO2 कम करने के लिए अच्छे हैं, लेकिन PM 2.5 को कम करने में इनका योगदान न के बराबर है। एक स्टडी बताती है कि एक छोटे कमरे की हवा साफ करने के लिए आपको सैकड़ों पौधों की जरूरत होगी, जो व्यावहारिक नहीं है। इसलिए, पौधों को शौक के लिए लगाएं, लेकिन प्यूरीफायर के विकल्प के तौर पर नहीं।
‘आम आदमी की जेब और सेहत पर असर’
इस जहरीली हवा का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण से बीमार होने वालों में 43% बच्चे थे। बीमारी का खर्च और अस्पताल के बिल आपकी जमा-पूंजी को खत्म कर सकते हैं। इसलिए, सही इंश्योरेंस और घर में साफ हवा का इंतजाम अब ‘प्लान बी’ नहीं, बल्कि ‘प्लान ए’ होना चाहिए।
‘जानें पूरा मामला’
उत्तर भारत में हर साल सर्दियों की शुरुआत के साथ ही एयर पॉल्यूशन एक गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल (Health Emergency) बन जाता है। सरकारें स्मॉग टावर और पानी के छिड़काव जैसे कदम उठाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर कम ही दिखता है। ऐसे में, यह वीडियो एक गाइड के रूप में काम करता है कि कैसे नागरिक सरकार के भरोसे बैठे रहने के बजाय, व्यक्तिगत स्तर पर ठोस कदम उठाकर अपने और अपने परिवार की जान बचा सकते हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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PM 2.5: यह एक अदृश्य हत्यारा है, इसे मापने के लिए मॉनिटर का उपयोग करें।
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सीलिंग: खिड़की-दरवाजों की दरारें (Gaps) बंद करें ताकि बाहर का प्रदूषण अंदर न आए।
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सफाई: झाड़ू की जगह गीले पोछे या वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें।
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टेक्नोलॉजी: HEPA 13 फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर ही खरीदें, दिखावे वाले फीचर्स से बचें।
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घर का धुआं: अगरबत्ती और कुकिंग से होने वाले धुएं के लिए एग्जॉस्ट फैन का प्रयोग अनिवार्य करें।






