कॉग्निजेंट (Cognizant)ने 2012 में इंफोसिस (Infosys) को पछाड़ते हुए रेवेन्यू के हिसाब से दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विसेस कंपनी बनने का दर्जा हासिल कर लिया था। यह Nasdaq में लिस्टेड कंपनी कॉग्निजेंट के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। गौरतलब है कि कॉग्निजेंट की स्थापना इंफोसिस के स्थापना से लगभग 1 दशक बाद हुई थी। ऐसे में किसी बड़ी और पहले से स्थापित कंपनी को पछाड़ना कॉग्निजेंट के लिए एक बड़ी बात थी। अब करीब 1 दशक बाद इंफोसिस फिर से कॉग्निजेंट पर अपनी बढ़त हासिल करने के करीब नजर आ रहा है।
कॉग्निजेंट के कमजोर प्रदर्शन से दोनों कंपनियों के बीच के रेवेन्यू के अंतर हुआ कम
हाल के तिमाहियों में कॉग्निजेंट के कमजोर प्रदर्शन ने इंफोसिस को दोनों कंपनियों के बीच के रेवेन्यू के अंतर को भरने का अच्छा मौका दिया है। बताते चलें कि हाल के तिमाहियों में कॉग्निजेंट को प्रोजेक्ट एक्जीक्यूशन और दूसरे मोर्चो पर अपनी पीयर कंपनियों की तुलना में ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में कोरोना काल में आईटी सेवाओं की मांग में हुई अच्छी बढ़त के बावजूद कॉग्निजेंट पर दबाव देखने को मिला है।
पिछली तिमाही में कॉग्निजेंट के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जान सीगमंड (Jan Siegmund) ने कहा था कि कंपनी तमाम बड़े और मेगा डील्स से बाहर रही है जिससे उसके रेवेन्यू ग्रोथ पर निगेटिव असर पड़ा है।
दोनों कंपनियों के रेवेन्यू सिर्फ 6 फीसदी का अंतर
Kotak Institutional Equities ने अपने रिपोर्ट मे कहा है कि रेवेन्यू के नजरिये से इंफोसिस कॉग्निजेंट के बहुत करीब पहुंच रही है। दोनों कंपनियों के रेवेन्यू सिर्फ 6 फीसदी का अंतर रह गया है। पिछले 8 तिमाहियों में इंफोसिस के रेवेन्यू में काफी जोरदार बढ़त देखने को मिलीहै।
ब्रोकरेज हाउस ने आगे कहा कि आगे आने वाली तिमाहियों में इंफोसिस रेवेन्यू के नजरिए से कॉग्निजेंट को पछाड़कर एक बार फिर से अपनी लीडरशिप हासिल कर ले तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। 2 नवंबर को इंफोसिस का मार्केट कैप 78.98 अरब डॉलर था जबकि कॉग्निजेंट का मार्केट कैप 31.20 अरब डॉलर था।
Kotak Institutional ने अपने नोट में आगे कहा है कि सभी आईटी कंपनियों के लिए फाइनेंशियल सर्विसेज काफी अहम वर्टिकल होता है। लेकिन कॉग्निजेंट हाल के तिमाहियों में बड़े बैंकिंग अकाउंट्स में अपनी हिस्सेदारी खोता नजर आया है। फाइनेंशियल सर्विसेस और हेल्थकेयर जैसे ग्रोथ वर्टिकल्स में कॉग्निजेंट की ग्रोथ लो से मिड सिंगल डिजिट में आ गई है। फाइनेंशियल सर्विसेज से कॉग्निजेंट को होने वाली आय में तिमाही आधार पर 1.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
इंफोसिस को फाइनेंशियल सर्विसेस वर्टिकल से अच्छा सपोर्ट
इस बीच इंफोसिस को फाइनेंशियल सर्विसेस वर्टिकल से अच्छा सपोर्ट मिला है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि बड़े डील मिलने और अकाउंट एक्सपेशन और नए अकाउंट खुलने के चलते कंपनी के फाइनेंशियल सर्विसेस सेगमेंट की ग्रोथ में अच्छी मजबूती देखने को मिली है।
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