The News Air: मंगलवार को 8वें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2022 के समापन सत्र में भोपाल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन डॉ एस. सोमनाथ ने मौजूद रहे। इस दौरान एक साक्षात्कार में उन्होँने कहा भारत अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन गगनयान-3 अगले साल 2024 में लॉन्च कर सकता है। इसे लेकर हर स्तर पर बारीकी से परीक्षण किए जा रहे हैं। एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा की दृष्टि से इसरो पहले मानव रहित तरीके से गगनयान की लॉन्चिंग करेगा।
भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में छात्रों एवं प्रतिभागियों को लेकर डॉक्टर सोमनाथ ने कहा कि सब मुझे उत्साह से लबरेज नज़र आए। युवाओं की जबरदस्त सहभागिता दिखी है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्रों के लिए खोला है।सरकार ने दो साल पहले स्पेस सेक्टर रिफॉर्म्स-2020 जारी किया था। यह तीसरा साल है। हमने बहुत से काम किए हैं। पहला, हमने ‘इन-स्पेस’ का गठन किया, जो अधिकृत करने, बढ़ावा देने व सहयोग देने वाली एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। इसकी मदद से स्पेस सेक्टर में 100 से अधिक स्टार्टअप और कम्पनियों को मदद मिली है। दूसरा, हमने न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) पब्लिक सेक्टर यूनिट बनायी है, जो मांग के अनुरूप काम करेगी। तीसरा, इसरो स्टार्टअप्स को भी मदद कर रहा है ताकि वो आगे आ सकें।
गगनयान 3
इसरो प्रमुख ने गगनयान विषय पर बोला कि चन्द्रयान-3 को जून 2023 में लान्च करने के बाद गगनयान अभियान शुरू होगा। हमारा 2024 का लक्ष्य है। हम काफी परीक्षण कर रहे हैं। हमारे एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत जरूरी है। इसके बाद हम मानव रहित तरीके से टेस्टिंग के बारे में सोच सकते हैं। हमारे साइंटिस्ट की जान को खतरा नहीं होना चाहिए। अलग अप्रोच के कारण यह किफायती है। बारीकी से विश्लेषण और निर्माण लागत पर गहनता से अध्ययन किया जाता है। हार्डवेयर निर्माण कैसे होगा? उन्हें रीसाइकिल कैसे किया जा सकता है? हम लागत को कम रखने के लिए निरंतर नवोन्मेषी प्रयास करते रहते हैं। गगनयान की कम लागत भी उसी का परिणाम है।
शैक्षिक संस्थानों से भी जुड़ाव
यूजीसी सहित हम अन्य मान्य संस्थाओं के साथ चर्चा में हैं। स्पेस कोर्स हम आईआईटी में शुरु करा रहे हैं। स्कूल में भी हम पांचवीं और सातवीं कक्षा के विषयों में इसे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।