Pakistan Food Crisis 2025 : पाकिस्तान (Pakistan) की बिगड़ती आर्थिक स्थिति अब वहां के नागरिकों को भुखमरी (Hunger) की ओर धकेल रही है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में 1.1 करोड़ (11 million) से अधिक लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा (Severe Food Insecurity) का सामना कर रहे हैं। हाल ही में जारी हुई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (Food and Agriculture Organization – FAO) की रिपोर्ट ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस 2025’ में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कई हिस्से, विशेष रूप से बलूचिस्तान (Balochistan), सिंध (Sindh) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) जैसे गरीब और संघर्ष प्रभावित राज्य, भयानक खाद्य संकट की चपेट में हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में 17 लाख (1.7 million) लोग ऐसे हैं जो आपातकालीन श्रेणी में आते हैं, यानी उनके लिए भोजन की उपलब्धता इतनी सीमित है कि वे अकाल (Famine) जैसी स्थिति से बस एक कदम दूर हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के 68 जिलों में दशकों की राजनीतिक अनदेखी और लगातार बढ़ती गरीबी ने स्थिति और बदतर बना दी है।
FAO की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इन इलाकों में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ (Severe Floods) ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन क्षेत्रों की लगभग 22% आबादी आज भुखमरी की कगार पर है। खासतौर पर बलूचिस्तान (Balochistan) और सिंध (Sindh) के दक्षिणी हिस्सों में कुपोषण (Malnutrition) एक बेहद गंभीर समस्या बनकर उभरी है। यहाँ बच्चे और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, और स्वास्थ्य सेवाओं की भी भारी कमी है।
पाकिस्तान पहले ही महंगाई, कर्ज़ और राजनीतिक अस्थिरता की मार झेल रहा है, और अब खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity) का यह नया संकट देश को एक मानवीय आपदा की ओर ले जा रहा है। यदि जल्द कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया, तो हालात पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट पाकिस्तान सरकार के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। वैश्विक संगठनों और स्थानीय प्रशासन को अब मिलकर इस संकट से निपटने के लिए ठोस रणनीति अपनानी होगी, वरना भूख और कुपोषण से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।