Jharkhand Assembly Special Session|झारखंड विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन विश्वासमत पर चर्चा के दौरान हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्रीय जांच एजेंसियों पर जमकर हमला बोला. कहा कि जब से झारखंड में हमारी सरकार बनी, तभी से उसे गिराने की साजिशें शुरू हो गईं. वहीं, भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने उनके आरोपों का जवाब दिया. हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार थी कि आपकी सरकार बची रही.
अगर आपके खिलाफ सबूत नहीं है, तो कोर्ट जाइए : अमर बाउरी
उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन कह रहे हैं कि जिस जमीन घोटाले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, अगर वह साबित हो गया, तो राजनीति छोड़ देंगे. इतना ही नहीं, वह झारखंड ही छोड़ देंगे. इस पर अमर कुमार बाउरी ने कहा कि अगर आपके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, तो आपको एजेंसियों को यह बताना चाहिए. आपको न्यायपालिका जाना चाहिए. कानून से ऊपर कोई नहीं है. अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून नहीं हो सकते.
अमर कुमार बाउरी ने कांग्रेस पर भी बोला हमला
सदन में दिए अपने भाषण में अमर बाउरी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन से ज्यादा कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला. कहा कि हेमंत सोरेन बाबा साहब आंबेडकर की बात करते हैं, लेकिन कानून का सम्मान नहीं करते. बाउरी ने इसके बाद कांग्रेस को निशाने पर लिया. कहा कि कांग्रेस ऐसी बेल है, जो जिस पेड़ पर रहती है, उसी को सुखा देती है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन को इसी कांग्रेस पार्टी ने जेल भेजा था. आदिवासी मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कांग्रेस ने ही जेल भेजा है. हेमंत सोरेन को जेल भेजने में भी कांग्रेस ही है. उन्होंने चंपाई सोरेन को आगाह किया कि आप सचेत रहिएगा, इतने आदिवासियों को जेल भेजने के बाद ये आपको भी जेल भेज सकते हैं.
कांग्रेस की स्थापना गुलामी को बनाए रखने के लिए हुई थी
झारखंड के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना देश की गुलामी की मानसिकता को बनाए रखने के लिए हुई थी. कहा कि झारखंड में आदिवासियों के आंदोलन से अंग्रेज इतने डर गए थे कि उन्होंने एओ ह्यूम के जरिए कांग्रेस पार्टी की स्थापना करवाई. बाउरी ने कांग्रेस को देशविरोधी और राष्ट्रविरोधी करार दिया. कहा कि कांग्रेस पार्टी झारखंड विरोधी है. इसने हमारे अमर शहीदों का कभी गौरवगान नहीं किया. कहा कि झारखंड का गठन कांग्रेस पार्टी ने नहीं, भाजपा के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने किया.
हां, हेमंत सोरेन जी आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है : बाउरी
अमर बाउरी ने राहुल गांधी के आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर हमला बोला. कहा कि हां, हेमंत सोरेन जी, आपने ठीक कहा कि आदिवासियों पर अन्याय हो रहा है. शिबू सोरेन को कांग्रेस की सरकार ने जेल भेजा था. भाजपा के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कहने पर केंद्र की बीजेपी सरकार ने उन्हें राज्यसभा भेजा. जिस कांग्रेस ने शिबू सोरेन को जेल भेजा, आज उसी कांग्रेस के साथ आपलोग सरकार चला रहे हैं.
हेमंत सोरेन को पहली बार विधायक, मंत्री बनने में भाजपा ने की मदद
उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन को विधायक बनाने और सरकार बनाने में पहली बार भाजपा ने ही मदद की थी. झारखंड की नतिनी द्रौपदी मुर्मू को पहली बार भाजपा की सरकार ने देश का महामहिम बनने का गौरव दिया. उन्होंने पूछा कि जनजातीय दिवस किसने मनाना शुरू किया. धरती आबा को सम्मान किसने दिया, ये सारे काम भाजपा ने किया.
इरफान अंसारी ने कहा था- आदिवासी चालाक कैसे हो जाएगा
बाउरी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी जंगल में रहते हैं. यह गलत बात है. इसी सदन में बैठे कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा था कि आदिवासी चालाक हो जाएगा, ये कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आदिवासी प्रेम छद्म है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जितने भी मुख्यमंत्री हुए, उनमें गैर भाजपाई मुख्यमंत्री कांग्रेस के समर्थन से बने. उन्होंने पूछा कि मधु कोड़ा को मुख्यमंत्री बनाकर जेल किसने भेजा. आदिवासी शिबू सोरेन, आदिवासी मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन को जेल भेजने वाले इन कांग्रेसियों की नजर अब आप पर है. सावधान रहें.
हेमंत सोरेन जेल जाने वाले पहले मुख्यमंत्री नहीं : अमर बाउरी
अमर बाउरी ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन जेल जाने वाले पहले मुख्यमंत्री नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जयललिता को जेल भेजा था. ओमप्रकाश चौटाला समेत कई और बड़े लोगों को कांग्रेस पार्टी ने जेल भेजा. उन्होंने कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार चरम पर है. कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. कहा कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं होती, तो आपकी भी सरकार चार साल तक नहीं चल पाती. ज्ञात हो कि विधानसभा में चंपाई सोरेन ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा. उस पर बहस के बाद वोटिंग हुई, जिसमें सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े. विपक्ष में 29 लोगों ने मतदान किया. सरयू राय ने तटस्थ रुख अपनाया. एक और निर्दलीय विधायक सदन नहीं आए.