Bel Root Remedy for Sun : क्या आप जानते हैं कि आपकी सेहत, बरकत और किस्मत का सीधा कनेक्शन पेड़ों की जड़ों से होता है? अक्सर लोग ग्रहों को ठीक करने के लिए महंगे रत्न (Gemstones) पहन लेते हैं, लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में ये रत्न फायदे की जगह भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पंडित जी के अनुसार, अगर कुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा है, तो उसका रत्न पहनना ‘आफत’ को न्योता देने जैसा हो सकता है। ऐसे में रत्नों का सबसे सुरक्षित और प्रभावशाली विकल्प है—पेड़ों की जड़ें (Roots)। आज हम बात करेंगे सूर्य ग्रह और उससे जुड़ी ‘बेल की जड़’ के बारे में, जो न केवल आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है बल्कि गंभीर शारीरिक कष्टों को भी दूर कर सकती है।
रत्नों से ज्यादा सुरक्षित हैं जड़ें
ज्योतिष में नियम है कि रत्न केवल उन ग्रहों के पहने जाते हैं जो हमारे लिए लाभकारी हों लेकिन कमजोर हों। अगर कोई ग्रह अशुभ है (जैसे मारक शनि या नीच का सूर्य), तो उसका रत्न पहनने से व्यक्ति विपत्तियों से घिर सकता है।
ऐसी स्थिति में ग्रहों को शांत करने और उनका शुभ फल पाने के लिए ‘जड़ी’ या जड़ धारण करना सबसे उत्तम उपाय है। यह रत्नों के बराबर ही फल देती है लेकिन इसका कोई दुष्प्रभाव (Side Effect) नहीं होता।
किस ग्रह के लिए कौन सी जड़?
हर ग्रह के लिए एक विशेष पेड़ की जड़ निर्धारित की गई है:
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सूर्य (Sun): बेल की जड़ (Bel Root)
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चंद्रमा (Moon): खिरनी की जड़
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मंगल (Mars): अनंतमूल की जड़
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बुध (Mercury): विधारा की जड़
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बृहस्पति (Jupiter): केले की जड़
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शुक्र (Venus): सरपंखा की जड़
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शनि (Saturn): बिच्छू की जड़
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राहु (Rahu): अश्वगंधा की जड़
बेल की जड़: सूर्य और सेहत का कनेक्शन
बेल (Wood Apple) के पेड़ की जड़ का सीधा संबंध सूर्य ग्रह से है, जिसे ज्योतिष में ‘आत्मा’ का कारक माना गया है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच राशि में है या अशुभ फल दे रहा है, तो आपको बेल की जड़ जरूर धारण करनी चाहिए।
यह जड़ उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जिन्हें Heart (हृदय) से संबंधित समस्याएं हैं, जिनके दिल में स्टंट पड़ा है या वाल्व कमजोर हैं। इसके अलावा, पेट की पुरानी बीमारियां और रीढ़ की हड्डी (Back Bone) में L4-L5 की समस्या या स्पाइन सर्जरी की नौबत आ चुकी हो, तो बेल की जड़ धारण करने से दवाइयां असर करने लगती हैं और बीमारी में राहत मिलती है।
धारण करने की विधि
बेल की जड़ को धारण करने का एक विशेष विधान है, तभी यह सकारात्मक ऊर्जा देती है:
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कब निकालें: रविवार (Sunday) की सुबह बेल के पेड़ के पास जाएं। हाथ जोड़कर प्रणाम करें और जड़ लेने की अनुमति मांगें।
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कैसे निकालें: पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना करीब 2 सेंटीमीटर लंबी जड़ का टुकड़ा निकाल लें।
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शुद्धिकरण: घर लाकर इसे गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र करें।
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धारण: इसे गुलाबी रंग के कपड़े (Pink Cloth) में बांधें या गुलाबी धागे में लपेटें।
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मंत्र: “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करते हुए इसे दाहिने हाथ (पुरुष) या बाएं हाथ (महिलाएं) की बाजू पर बांधें। इसे गले में भी पहना जा सकता है।
जानें पूरा मामला
यह जानकारी ज्योतिषीय उपायों पर आधारित एक चर्चा से निकलकर आई है, जहां यह समझाया गया कि कैसे बिना हजारों रुपये खर्च किए, प्रकृति के करीब जाकर हम अपने ग्रहों को ठीक कर सकते हैं। पंडित जी ने स्पष्ट किया कि जब ग्रह विपरीत हों, तो व्रत, मंत्र जाप, सेवा और जड़ी धारण करना ही सही रास्ता है, न कि गलत रत्न पहनकर मुसीबत मोल लेना।
मुख्य बातें (Key Points)
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Gemstone Warning: अशुभ ग्रहों के रत्न पहनना हानिकारक हो सकता है, इसलिए जड़ें एक सुरक्षित विकल्प हैं।
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Health Benefits: बेल की जड़ हार्ट पेशेंट्स और स्पाइन (L4-L5) की समस्याओं में बेहद लाभकारी है।
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Ritual: रविवार की सुबह गंगाजल से धोकर, गुलाबी कपड़े या धागे में बेल की जड़ धारण करें।
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Donation: जड़ धारण करने के बाद रविवार को किसी जरूरतमंद को गेहूं, गुड़ और लाल कपड़े का दान करें।
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Mantras: सूर्य को मजबूत करने के लिए ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ का 7000 बार जाप करना भी फलदायी है।






