The News Air – देश में कोरोना की तीसरी लहर में नए संक्रमितों का आंकड़ा पहली बार 1.6 लाख के पार पहुंचा है। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 5 लाख 84 हज़ार है। इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश में कोविड मामले बहुत जल्द पीक पर पहुंच सकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स ने मौजूदा लहर के उतनी ही तेज़ी से घटने की संभावना भी जताई है।
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एडिशनल डॉयरेक्टर डॉ. समीरन पांडा ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में बढ़ोतरी दर्ज़ करने वाले इलाक़ों में कोरोना के एक्टिव मामले 3 महीने के भीतर कम होने शुरू हो जाएंगे। डॉ. पांडा ने बताया कि ओमिक्रॉन के 50% से ज़्यादा मामले बड़े शहरों में ही मिल रहे हैं।
तीसरी लहर में हॉस्पिटलाइजेशन रेट कम
कोरोना की नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन. के. अरोड़ा ने भी पीक को लेकर ऐसी ही जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के ग्लोबल डेटा और पिछले 5 हफ़्तों के दौरान हमारे अपने अनुभव से पता चला है कि ओमिक्रॉन के ज़्यादातर संक्रमण हलक़े और बिना लक्षण वाले हैं।
वहीं, अस्पताल में भर्ती वाले पेशेंट्स गंभीर बीमारी या 60 साल से ज़्यादा उम्र के हैं। ओमिक्रॉन की वजह से होने वाली हॉस्पिटलाइजेशन रेट केवल 1-2% है। यह आंकड़ा डेल्टा की लहर के दौरान हॉस्पिटलाइजेशन रेट से बहुत कम है।
वैक्सीन का एक डोज़ लगवा चुके हैं 91% वयस्क
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि देश में 80% से ज़्यादा आबादी वायरस से स्वभाविक तौर पर संक्रमित हुई है। 91% से ज़्यादा वयस्क वैक्सीन का एक डोज़ लगवा चुके हैं और 18 साल से अधिक उम्र के क़रीब 66% लोगों ने दोनों डोज़ लगवाए हैं। ऐसे में तीसरी लहर का असर ज़्यादा दिन तक नहीं रहेगा।
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि पिछले 24 घंटों में देश में 1.59 लाख से अधिक नए केस और और क़रीब 5 लाख नए केस आने से ही तीसरी लहर का संकेत मिला है। लेकिन ओमिक्रॉन के केस बढ़ने के साथ ही कोरोना मामलों में गिरावट देखने को मिलेगी।