Hathras Accident : गर्मी, उमस और भगदड़… हाथरस में इस तरह लाशों से बिछ गया संत भोले बाबा का पंडाल

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Hathras Accident: यूपी के हाथरस में दर्दनाक हादसा हुआ है. सिकंदरा राउ के रतीभानपुर में संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था. इसमें भारी संख्या में लोग पहुंचे थे. पंडाल में भीषण उमस और गर्मी के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इस घटना में अबतक 27 की मौत हो चुकी है.

यूपी के हाथरस में दर्दनाक हादसा हुआ है. सिकंदरा राउ के रतीभानपुर में संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था. इसमें भारी संख्या में लोग पहुंचे थे. पंडाल में भीषण उमस और गर्मी से लोग बेहाल थे. इसी बीच भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. देखते ही देखते लोग एक दूसरे को कुचलते हुए निकलने लगे. इस घटना में अबतक 27 की मौत हो चुकी है. मरने वालों में 25 महिलाएं और 2 बच्चे हैं. ये संख्या बढ़ सकती है. काफी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे घायल हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें से कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे हैं. कई एंबुलेंस भी मौके पर हैं. मृतकों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक पोस्ट किया गया है.

एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ को सीएम का निर्देश

इसमें सीएम की ओर से कहा गया है कि सीएम ने हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.

इस हादसे को लेकर एटा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमेश चंद्र त्रिपाठी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने जानकारी दी है. अधिकारियों ने बताया है किभगदड़ में मारे गये 27 लोगों के शव एटा अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस भेजे जा चुके हैं.मुख्यमंत्री ने हादसे का संज्ञान लिया है.

संत भोले बाबा करते हैं ये दावा

संत भोले बाबा के दावे के मुताबिक, वो कांशीराम नगर में पटियाली गांव के रहने वाले हैं. बचपन में पिता के साथ खेती किसानी करते थे. जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए. उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जन भर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही है. 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया. अब अपने गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में के लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं.

खुद को संत बताते हुए ये दावा करते हैं, वीआरएस लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ. भगवान की प्रेरणा से इन्हें पता चला कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है. इसके बाद इन्होंने अपना जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला कर लिया. ये खुद कहीं नहीं जाते, बल्कि इन्हें भक्त बुलाते हैं. भक्तों की फरियाद पर अलग-अलग स्थानों पर घूमकर समागम करते आ रहे हैं.

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