पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) क्षतिपूर्ति के तौर पर केंद्र सरकार पर उसका 2,409.96 करोड़ रुपये बकाया है। इसके साथ ही सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान से असहमति जताई है जिसमें उन्होंने राज्य के ऑडिटेड आंकड़े दाखिल नहीं करने की बात कही थी। पश्चिम बंगाल के बकाया क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किए जाने संबंधी दावे का जवाब देते हुए सीतारमण ने सोमवार को संसद में कहा था कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राज्य के ऑडिटेड आंकड़े उपलब्ध कराए जाने पर ही जारी की जाती है लेकिन पश्चिम बंगाल ने यह वर्ष 2017 से ही ये आंकड़े नहीं दिए हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने जारी किया बयान
पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, “केंद्रीय वित्त मंत्री ने बयान दिया है कि पश्चिम बंगाल ने अकाउंट जनरल के पास 2017-18 से 2021-22 तक जीएसटी छूट सेस क्लेम नहीं भेजा है। राज्य सरकार इस दावे से सहमत नहीं है।” बयान के मुताबिक, “पश्चिम बंगाल के लिए अभी तक क्षतिपूर्ति सिर्फ 2017-18 और 2018-19 के लिए नेट बेसिस पर साझा की गई है। शेष समय के लिए क्षतिपूर्ति कुल राजस्व के आधार पर जारी की गई है।” अगर नेट रेवेन्यू पर विचार किया जाए, तो भारत सरकार पर पश्चिम बंगाल का 2,409.96 करोड़ रुपये बकाया है।
वित्त मंत्री ने क्या कहा
सीतारमण ने दिसंबर में भी कहा था कि राज्य सरकारों के लिए जीएसटी के दावे तभी चुकाए जाएंगे जब उन्हें संबद्ध अकाउंट जनरल से सर्टिफिकेट समेत जरूरी दस्तावेज मिल जाएंगे। पश्चिम बंगाल सरकार ने वित्त मंत्री के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सीआरपीएफ की तैनाती के लिए राज्य पर केंद्र का 1,841 करोड़ रुपये बकाया है। बयान में कहा गया है, “बलों की तैनाती भारत के चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार की गई है। चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती की आवश्यकता के संबंध में राज्य सरकारों की सहमति नहीं ली जाती है।”