सेना में ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी युद्धक प्रणाली होगी शामिल: जनरल उपेंद्र द्विवेदी

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नई दिल्ली 01 जुलाई (The News Air) : नए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना को ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी युद्धक प्रणालियों से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक समीकरण और दुनिया में जारी लड़ाइयों के मद्देनजर हमें न केवल इस दिशा में अग्रसर रहने की जरूरत है बल्कि सैनिकों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करके युद्ध पद्धति और रणनीतियों को बेहतर करने की भी आवश्यकता है।

जनरल द्विवेदी ने यहां बताया कि आज भारतीय थल सेना आधुनिकीकरण के पथ पर अग्रसर है। इस दिशा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत हमेशा तैयार है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी युद्धक प्रणालियों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “मेरा प्रयास रहेगा कि भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना एवं अन्य हित धारकों के संपूर्ण समन्वय से युद्ध की स्थिति के लिए सदैव तत्पर रहें। इससे भारत के राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित किया जा सकेगा और हम विकसित भारत 2047 की दिशा में राष्ट्र निर्माण का एक प्रमुख स्तंभ बन सकेंगे।”

जनरल द्विवेदी ने सेनाध्यक्ष की जिम्मेदारी को “अत्यंत गर्व का अवसर” बताया। उन्होंने शहीद जवानों का स्मरण किया और वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके उपरांत नए भारतीय सेनाध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा हमारे सैनिकों के योगदान और बलिदान की बुनियाद पर आधारित है। उन्होंने कहा, “इस अवसर पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति दी है।”

जनरल द्विवेदी ने पूर्व सैनिकों के कल्याण की बात भी कही। उन्होंने कहा कि सेना के सभी रैंकस और डिफेंस सिविलियन के हितों और कल्याणों का ध्यान रखना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं, तथा उनके परिवार के प्रति प्रतिबद्धता जताई और “अपने इस विस्तारित परिवार” को समर्थन का आश्वासन दिया।

सेनाध्यक्ष ने कहा, “मुझे सौंपे गए उत्तरदायित्व के प्रति मैं पूरी तरह से सचेत हूं और देश एवं भारतीय नागरिकों को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए पूर्णतया सक्षम और तैयार है।”

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को नए सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण किया। जनरल द्विवेदी भारतीय सेना के 30वें सेना प्रमुख हैं। उनके पास देश-विदेश में महत्वपूर्ण तैनातियों के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान से लगी भारतीय सीमाओं के विषय में गहन जानकारी और अनुभव है। जनरल द्विवेदी, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अग्रणी रहे हैं। उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

नए सेनाध्यक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं।इसके अलावा जनरल को अमेरिका के यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष कोर्स में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त की हैं।

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