चंडीगढ़, 10 अप्रैल (The News Air) – शिरोमणि अकाली दल के नेताओं सुरजीत सिंह रखड़ा और परमिंदर सिंह ढींडसा ने आज आरोप लगाया कि भगोड़ा पंथक गुट, जो पहले अकाली दल का हिस्सा था, अब पांच सदस्यीय भर्ती समिति को बदनाम करने की साजिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह साजिश भगोड़े नेता दलजीत चीमा के ज़रिए चलाई जा रही है।
नेताओं ने कहा कि जिस तरह से यह समिति लोगों का समर्थन हासिल कर रही है, उससे भगोड़ा गुट डर गया है। इस डर के कारण सुखबीर बादल ने दिल्ली के एक पूर्व कांग्रेस नेता के साथ मिलकर साजिश की।
रखड़ा और ढींडसा का कहना है कि भगोड़ा गुट इस बात से घबराया हुआ है कि जनता बार-बार जिस नेता को नकार चुकी है, उसे फिर से थोपने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए धार्मिक संस्थाओं को भी नुकसान पहुंचाया गया और समिति के काम में बाधा डाली गई, लेकिन फिर भी लोगों ने समिति का साथ दिया।
उन्हें अब समझ आ गया है कि जिस तरह से एक निजी कंपनी की तरह पार्टी चलाई जा रही है और उसमें एक ‘सीईओ’ की तरह अध्यक्ष बनाया जा रहा है, वो पंजाब की जनता को मंजूर नहीं। इसलिए कांग्रेस के नेताओं की मदद से समिति को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
नेताओं ने कहा कि जब तक शिरोमणि अकाली दल को दोबारा सही रास्ते पर नहीं लाया जाएगा, तब तक पंजाब का भला नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी जैसी दिल्ली की पार्टियां पंजाब के हित में नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर सिंह बादल के कांग्रेस और गांधी परिवार से करीबी रिश्ते हैं और वो 1984 के दंगों में शामिल नेताओं के साथ भी संबंध रखते हैं।
आख़िर में उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी दी कि सिखों के धार्मिक मामलों में दखल न दे। साथ ही सुखजिंदर रंधावा को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी (कांग्रेस) की परेशानियों पर ध्यान दें और पंथक राजनीति से दूरी बनाए रखें।