नोएडा, 18 जनवरी (The News Air) नोएडा अथॉरिटी के बाहर अपनी मांगों को लेकर 38 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे 105 गांवों के किसान आज एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण पर तालाबंदी करने जा रहे हैं।
पहले हुई पंचायत में 2 जनवरी को तालाबंदी की डेट तय की गई थी, लेकिन प्राधिकरण पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद यह तालाबंदी कुछ दिनों तक के लिए रोक दी गई थी। किसानों को आश्वासन मिला था कि आईडीसी से उनकी मुलाकात करवाई जाएगी और उनकी मांगों को उनके समक्ष रख उसे पूरा करवाया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऐसे में आज एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव और नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित 81 गांव के किसान प्राधिकरण की तालाबंदी करेंगे।
परिषद के अध्यक्ष सुखवीर ख़लीफ़ा ने बताया कि पहले सभी गांवों की पंचायत नोएडा प्राधिकरण पर चल रहे धरना स्थल पर की जाएगी। इसके बाद करीब डेढ़ से दो बजे के बीच तालाबंदी की जाएगी। यहां प्राधिकरण के दोनों गेट जंजीर से बंद किया जाएगा।
अपनी इन मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसमें सभी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि का अधिकार प्राधिकरण द्वारा दिया जाए। किसानों की आबादी का पूर्ण निपटारा कर रेवेन्यू रिकार्ड से प्राधिकरण का नाम हटाकर काश्तकार का नाम चढ़ाया जाए। आबादी विनियमावली 2011 के अनुसार 450 वर्गमीटर की सीमा को 1000 वर्गमीटर किया जाए। ग्राम में पेरीफेरी के अंदर अधिग्रहीत आबादी में रहने वाली पुश्तैनी किसानों के विनिमय हेतु कब्जा दस्तावेज के आधार पर किया जाए। 5 प्रतिशत विकसित भूखंड पर पूर्व में संचालित कॉमर्शियल गतिविधि करने की नीतिगत अनुमति दी जाए।
नोएडा प्राधिकरण के 81 गांव में विकास भू-लेख विभाग में न रोककर सुचारु रूप से किया जाए। गांव में निर्माणाधीन मकानों पर भवन नियमावली लागू नहीं की जाए। किसानों ने 2019-20 में 5 व 10 प्रतिशत विकसित भूखंड या इसके समतुल्य धनराशि की मांग को लेकर प्राधिकरण पर धरना दिया है। किसानों ने मांग की कि 10 प्रतिशत के अतिरिक्त भूखंड को प्राप्त करने के लिए कोर्ट की बाध्यता को समाप्त किया जाए। इसके अलावा 1997 से 2014 तक के सभी किसानों को 10 प्रतिशत भूमि या इसके समतुल्य मुआवजा दिया जाए।
किसानों ने तर्क दिया कि न्यायालय के आदेश पर आपने जो किसान न्यायालय गए उनको 10 प्रतिशत जमीन दी। लेकिन उसी दौरान हमारी जमीन भी अधिग्रहीत की गई। किसानों ने यह भी कहा जिन किसानों ने न्यायालय से याचिका वापस ली या जो आपके कहने पर न्यायालय नहीं गए उनको भी आपके द्वारा 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्लाट दिया गया। इस धरने के बाद पहली बार प्राधिकरण ने बोर्ड में किसानों से संबंधित प्रस्ताव भेजा गया जिसे बोर्ड ने निरस्त कर दिया था।