Digestive Health: पेट की बीमारियां आज हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बन चुकी हैं। गैस, एसिडिटी, कब्ज, भारीपन, थकान और चिड़चिड़ापन—ये सब इस बात का संकेत हैं कि आपका पाचन तंत्र (Digestive System) कमजोर हो चुका है। मशहूर स्वास्थ्य वक्ता Rajiv Dixit और आयुर्वेद के अनुसार, पेट ही शरीर का इंजन है। अगर पेट सही है, तो पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा, लेकिन अगर पाचन अग्नि (Digestive Fire) कमजोर पड़ जाए, तो वही खाना शरीर के लिए जहर बन जाता है।
राजीव दीक्षित आयुर्वेद के महान ऋषि वाग्भट जी के सूत्रों का हवाला देते हुए बताते हैं कि भोजन को सिर्फ खाना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उसे पचाना उससे भी ज्यादा जरूरी है। जब खाना पचता है, तो उससे रस, रक्त, मांस, मज्जा और अस्थियां बनती हैं जो शरीर को ताकत देती हैं। लेकिन अगर खाना नहीं पचता, तो वह पेट में सड़ने लगता है और यही सड़न 103 से ज्यादा बीमारियों की जड़ बनती है।
‘भोजनान्ते विषमं वारि’ – खाने के अंत में पानी जहर है
राजीव दीक्षित ने वाग्भट जी का सबसे महत्वपूर्ण सूत्र बताया है—”भोजनान्ते विषमं वारि”, जिसका मतलब है कि भोजन के अंत में पानी पीना विष (जहर) पीने के समान है। उन्होंने समझाया कि हमारे पेट में एक स्थान होता है जिसे ‘जठर’ या ‘आमाशय’ कहते हैं। जैसे ही हम खाना शुरू करते हैं, वहां ‘जठराग्नि’ (Digestive Fire) प्रदीप्त हो जाती है, जो भोजन को पचाने का काम करती है। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे गैस स्टोव पर खाना पकता है।
अगर हम खाने के तुरंत बाद गट-गट करके पानी पी लेते हैं, तो वह जलती हुई जठराग्नि बुझ जाती है। जब अग्नि बुझ जाएगी, तो खाना पचेगा नहीं, बल्कि पेट में पड़ा-पड़ा सड़ेगा।
खाना सड़ने से क्या होता है?
जब खाना पेट में सड़ता है, तो सबसे पहले Gas और Acidity बनती है। यही गैस जब शरीर में घूमती है, तो सिरदर्द, चक्कर, पीठ दर्द और यहां तक कि दिल के पास तेज दर्द भी पैदा कर सकती है, जिसे लोग गलती से हार्ट अटैक समझ लेते हैं। राजीव दीक्षित बताते हैं कि अगर यह गलती लंबे समय तक की जाए, तो एसिडिटी से अल्सर, बवासीर और अंत में Cancer जैसी भयानक बीमारियां भी हो सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल का असली सच
हैरान करने वाली बात यह है कि खराब Cholesterol (LDL और VLDL) भी तभी बनता है जब खाना पचता नहीं बल्कि सड़ता है। अगर खाना सही से पचेगा, तो खराब कोलेस्ट्रॉल नहीं बनेगा। इसलिए हार्ट अटैक और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए भी पाचन का सही होना जरूरी है।
गर्म के साथ ठंडा खाने की गलती
राजीव दीक्षित ने एक और बड़ी गलती की ओर इशारा किया—गर्म खाने के साथ ठंडी चीजों का सेवन। अक्सर लोग शादी-पार्टियों में गर्म डिनर के बाद तुरंत ठंडी Ice Cream खा लेते हैं। यह शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है। गर्म चाय या कॉफी के बाद भी ठंडा पानी या आइसक्रीम नहीं खानी चाहिए। इन दोनों के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर होना जरूरी है।
‘जानें पूरा मामला’
इस वीडियो में राजीव दीक्षित ने आयुर्वेद के सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया है। उन्होंने बताया कि कैसे हमारी छोटी-छोटी आदतें, जैसे खाने के तुरंत बाद पानी पीना या विरुद्ध आहार (गर्म-ठंडा) लेना, हमारे शरीर को बीमारियों का घर बना देती हैं। स्वस्थ रहने के लिए जठराग्नि को बनाए रखना सबसे जरूरी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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खाने के तुरंत बाद पानी पीना जठराग्नि को बुझा देता है, जिससे खाना सड़ता है।
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सड़े हुए खाने से गैस, एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल और 103 तरह के रोग पैदा होते हैं।
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गर्म खाने के साथ या तुरंत बाद ठंडी चीजें (जैसे आइसक्रीम) कभी न खाएं।
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पाचन तंत्र मजबूत रखने के लिए खाने के एक घंटे बाद ही पानी पिएं।






