चंडीगढ़, 22 अक्टूबर (The News Air)
पंजाब कांग्रेस में फिर हलचल बढ़ गई है। शुक्रवार को अचानक डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा को कांग्रेस हाईकमान का दिल्ली बुलावा आ गया। उनके साथ मंत्री भारत भूषण आशु भी गए हैं। इससे पहले करीब 5 घंटे तक उनकी CM चरणजीत चन्नी के साथ मीटिंग चली। यह बुलावा ऐसे वक्त पर है, जबकि पंजाब में प्रदेश प्रधान और मुख्यमंत्री के बाद कांग्रेस इंचार्ज को भी बदला गया है।
मीटिंग का एजेंडा अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि चर्चा है कि इसमें सरकार की परफार्मेंस से लेकर बड़े मुद्दों और नवजोत सिद्धू की सरकार से नाराजगी को लेकर चर्चा हो सकती है।
खास बात यह भी है कि अमरिंदर के खिलाफ बगावत से लेकर सिद्धू के समर्थन में रंधावा सबसे आगे रहे। जब अमरिंदर बदले गए तो उनकी सिद्धू से भी दूरियां बढ़ गईं। यहां तक कि सिद्धू उनके डिप्टी सीएम की कुर्सी संभालने के मौके पर भी नहीं गए। सिद्धू उन्हें गृह मंत्रालय देने के विरोध में थे लेकिन वह कामयाब नहीं हुए। ऐसे में इस मुलाकात को सिद्धू और रंधावा की सुलह से भी जोड़ा जा रहा है।
CM बदलने के एक महीने बाद भी बड़े मुद्दे अनसुलझे-पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा चरणजीत चन्नी को CM बने एक महीना हो चुका है। अभी तक गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, उससे जुड़े गोलीकांड को लेकर कोई प्रगति नहीं है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की ड्रग्स तस्करी की रिपोर्ट हाईकोर्ट में सीलबंद पड़ी है। यही दो बड़े भावनात्मक मुद्दे थे, जिनके जरिए अमरिंदर के खिलाफ पंजाब में माहौल तैयार किया गया। डिप्टी सीएम रंधावा के पास गृह मंत्रालय है, ऐसे में वह इन दोनों मुद्दों से सीधे तौर पर जुड़े हैं। इनको लेकर चर्चा हो सकती है।
सिद्धू की नाराजगी का भी मुद्दा– पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिद्धू राज्य में DGP इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल (AG) एपीएस देओल की नियुक्ति से नाराज हैं। ऐसे में इसको लेकर भी हाईकमान चर्चा कर सकती है। चर्चा यह भी है कि डीजीपी के मामले में तो UPSC से पैनल आने का इंतजार संभव है। लेकिन एडवोकेट जनरल को लेकर हाईकमान कोई फैसला ले सकती है।