दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 2019 में दर्ज जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम को बरी कर दिया। हालांकि उसे अब भी कई अन्य मामलों के चलते जेल में ही रहना होगा। यानि वह अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। शरजील इमाम को बरी होने के बावजूद जेल में ही रहना होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई धाराओं में अन्य केस भी दर्ज हैं।
अगर हर साल दिल्ली में कुल दंगों के आंकड़ों को देखा जाए तो इसमें साल 2015 में 130 दंगे हुए थे. इसके बाद फिर साल 2016 में 79, साल 2017 में 50, साल 2018 में 23, साल 2019 में 23, साल 2020 में 689 और साल 2021 में 68 दंगे हुए थे। फ़िलहाल राजधानी होने के कारण ज्यादातर दंगे यहीं होते हैं।इसका मुख्य कारण यह बताया जाता है कि इसका सीधा असर केंद्र सरकार पर पड़ता है और दंगे का प्रभाव भी बड़ा हो जाता है।