• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 सोमवार, 8 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home NEWS-TICKER

Hospitals को चेतावनी! रेप पीड़िता से पहचान पत्र मांगने पर Delhi HC की सख्त टिप्पणी

Delhi High Court का बड़ा फैसला: Rape Victims से Abortion के लिए ID Proof मांगने पर रोक

The News Air by The News Air
मंगलवार, 3 जून 2025
A A
0
Delhi High Court said hospitals should not insist on ID proof of rape survivors seeking abortion
104
SHARES
691
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Delhi High Court on abortion for rape victims – दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें राजधानी दिल्ली (Delhi) के अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे बलात्कार (Rape) की पीड़िताओं, खासकर नाबालिगों (Minor Girls), से गर्भपात (Abortion) के लिए पहचान पत्र (ID Proof) मांगने से बचें। अदालत ने कहा कि ऐसी पीड़िताएं पहले ही अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में होती हैं, और उनसे पहचान पत्र की मांग करके उनकी स्थिति को और कठिन न बनाया जाए।

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा (Justice Swarana Kanta Sharma) की एकल पीठ ने यह टिप्पणी 29 मई के अपने आदेश में दी। कोर्ट ने कहा कि यौन हिंसा (Sexual Violence) की शिकार महिलाओं और लड़कियों से जुड़े मामलों में अस्पतालों को अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए। अदालत ने कहा कि पहचान पत्र की अनिवार्यता, मेडिकल जांच जैसे अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) में देरी, और अस्पष्ट प्रक्रियाएं पीड़िता की परेशानी को और बढ़ा देती हैं।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पीड़िता जांच अधिकारी (Investigating Officer) के साथ आती है या अदालत अथवा बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee – CWC) के निर्देश पर लाई जाती है, तो अस्पतालों द्वारा अल्ट्रासाउंड या अन्य आवश्यक मेडिकल जांच के लिए पीड़िता का ID प्रूफ नहीं मांगा जाना चाहिए। ऐसे मामलों में जांच अधिकारी की पहचान ही पर्याप्त मानी जाएगी।

यह भी पढे़ं 👇

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: जानिए आज का दिन कैसा रहेगा आपका

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Kultar Sandhwan

बेअदबी पर भगदड़! श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुम हुए 328 सरूपों के मामले में 16 लोगों पर FIR

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
CM Mann

दक्षिण कोरिया में मुख्यमंत्री की अपील: पंजाब को पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाएं

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
India Russia USA Relations

Putin की Delhi यात्रा के बाद America ने बदली Strategy, New World Order में भारत!

रविवार, 7 दिसम्बर 2025

अदालत एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने चिकित्सीय गर्भपात की मांग की थी। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी हितधारकों को निर्देश दिए कि यौन उत्पीड़न के मामलों में, जहां पीड़िता गर्भवती हो, वहां प्रक्रिया में स्पष्टता और समानता होनी चाहिए।

अदालत ने यह भी कहा कि सभी मामलों में संबंधित डॉक्टर और अस्पताल बिना किसी देरी के व्यापक मेडिकल जांच करें। साथ ही, जांच अधिकारी की यह जिम्मेदारी हो कि वह पीड़िता की पहचान सुनिश्चित करे और जब पीड़िता को डॉक्टर, अस्पताल या मेडिकल बोर्ड (Medical Board) के सामने पेश किया जाए, तब आवश्यक दस्तावेज और केस फाइल साथ हों।

इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि जब बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था की अवधि 24 सप्ताह से अधिक हो, तो मेडिकल बोर्ड का गठन तत्काल किया जाए। कोर्ट ने कहा कि बोर्ड को बिना किसी विशेष निर्देश का इंतजार किए आवश्यक जांच करनी चाहिए और शीघ्र ही रिपोर्ट तैयार कर उचित अधिकारियों को सौंपनी चाहिए।

अंत में कोर्ट ने निर्देश दिया कि गर्भपात के लिए सहमति पीड़िता या उसके अभिभावक से उनकी स्थानीय भाषा (Local Language) में ली जाए, जिससे वे प्रक्रिया को पूरी तरह समझ सकें। अदालत ने इस पूरे मामले को संवेदनशीलता, व्यावहारिकता और कानूनी जिम्मेदारी से जोड़ते हुए एक मिसाल पेश की है, जो भविष्य में इस तरह के मामलों में मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: जानिए आज का दिन कैसा रहेगा आपका

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Kultar Sandhwan

बेअदबी पर भगदड़! श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुम हुए 328 सरूपों के मामले में 16 लोगों पर FIR

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
CM Mann

दक्षिण कोरिया में मुख्यमंत्री की अपील: पंजाब को पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाएं

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
India Russia USA Relations

Putin की Delhi यात्रा के बाद America ने बदली Strategy, New World Order में भारत!

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Vande Mataram 150th Anniversary

Vande Mataram 150th Anniversary: संसद में गूंजेगा राष्ट्रगीत, PM Modi और Amit Shah करेंगे चर्चा की शुरुआत

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Gud Khane Ke Nuksaan

Gud Khane Ke Nuksaan: बाज़ार में बिक रहा ‘मीठा जहर’, असली और नकली गुड़ की ऐसे करें पहचान

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • काम की बातें

© 2025 THE NEWS AIR