The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब में नए परमानेंट DGP की नियुक्ति पर आज फ़ैसला आ सकता है। इस संबंध में पंजाब सरकार के अफ़सरों की UPSC के साथ मीटिंग हो रही है। माना जा रहा है कि UPSC की तरफ़ से दिनकर गुप्ता को हटाने के बाद से ही अफ़सरों का पैनल बनाया जाएगा। जिसके बाद मौजूदा कार्यकारी DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को हटाया जा सकता है।
अगर चट्टोपाध्याय हटे तो वीके भवरा पंजाब के नए DGP बन सकते हैं। वह 2019 में भी बतौर एडीजीपी पंजाब में चुनाव करवा चुके है। इस बार पंजाब चुनाव के लिहाज़ से पंजाब पुलिस के अफ़सर राजनीतिक दलों और ख़ासकर मौजूदा सरकार से क़रीबी को लेकर चर्चा में हैं।
तारीख़ को लेकर फंसा है पेंच
दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चरणजीत चन्नी नए मुख्यमंत्री बने। हालांकि उन्होंने तुरंत DGP दिनकर गुप्ता को नहीं हटाया। इसके बगैर ही 30 सितंबर को पंजाब की चन्नी सरकार ने UPSC को 10 अफ़सरों की लिस्ट भेज दी। हालांकि तब दिनकर गुप्ता छुट्टी पर थे। उन्हें सरकार ने 5 अक्टूबर को हटाया। यहीं पर पेंच फंसा है क्योंकि UPSC का कहना है कि जब से दिनकर गुप्ता को हटाया गया, तब से ही डीजीपी पद ख़ाली माना जाएगा। ऐसे में मौजूदा कार्यकारी DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय बाहर हो जाएंगे क्योंकि वह तय 6 महीने के बक़ाया कार्यकाल की शर्त पूरी नहीं कर सकेंगे। अगर, सरकार की 30 सितंबर की बात मानी गई तो चट्टोपाध्याय बने रह सकते हैं लेकिन इसके चांसेज कम हैं।
भवरा अकेले बचेंगे दावेदार
अगर UPSC 5 अक्टूबर से पैनल तैयार करेगी तो तीन सीनियर अफ़सरों में वीके भवरा, दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार के नाम हैं। हालांकि दिनकर और प्रबोध केंद्र के डेपुटेशन पर जा रहे हैं। ऐसे में भवरा अकेले दावेदार होंगे और संभव है कि उनकी अगुवाई में ही पंजाब पुलिस अगले विधानसभा चुनाव करवाए।