SBI Loan Fraud से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला Gorakhpur के जंगल कौड़िया स्थित State Bank of India (SBI) शाखा से सामने आया है। यहां 13 मृत पेंशनधारकों के नाम पर फर्जी लोन पास कर लगभग 70.20 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। बैंक कर्मियों ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए एक कैंटीन व्वॉय (Canteen Boy) के साथ मिलकर यह जालसाजी की।
गुरुवार को Lucknow से आए SBI के सहायक महाप्रबंधक (Assistant General Manager) ने जंगल कौड़िया पुलिस चौकी में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है।
कैसे हुआ घोटाला? बैंक अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश
जांच में पाया गया कि SBI के शाखा प्रबंधक (Branch Manager) कुमार भास्कर भूषण, अकाउंटेंट (Accountant) अमरेंद्र कुमार सिंह और कैंटीन व्वॉय पंकज मणि त्रिपाठी ने मिलकर यह घोटाला किया।
- पेंशन खाताधारकों और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारकों के नाम पर फर्जी लोन पास किया गया।
- मृत पेंशन धारकों के बैंक खातों का दुरुपयोग कर लाखों रुपये निकाल लिए गए।
- बैंक के अंदरूनी दस्तावेजों में हेरफेर कर जालसाजी को अंजाम दिया गया।
शिकायत के बाद खुला घोटाला, पुलिस ने दर्ज किया केस
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब जंगल कौड़िया के एक खाताधारक राजू ने Taramandal स्थित SBI के क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Office) में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने बताया कि उनके खाते से 3 लाख रुपये फर्जी तरीके से कैंटीन व्वॉय पंकज मणि त्रिपाठी के खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। इसके बाद कई और ग्राहकों ने भी इसी तरह की शिकायतें कीं, जिसके बाद बैंक ने मामले की जांच शुरू की।
SBI ने कार्रवाई की, आरोपी निलंबित और गिरफ्तार
जांच रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद SBI ने शाखा प्रबंधक और अकाउंटेंट को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी। पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की, जिसमें—
- कैशियर अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
- कैंटीन व्वॉय पंकज मणि त्रिपाठी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
- बैंक कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया।
करोड़पति बन गया कैंटीन व्वॉय! ऐसे बनाई अपनी पकड़
20 वर्षीय पंकज मणि त्रिपाठी, जो जंगल कौड़िया के बलुवा गांव का रहने वाला है, SBI में Canteen Boy के रूप में काम करता था। लेकिन बैंक के कर्मचारियों से नजदीकी बनाकर उसने सेवानिवृत्त (Retired) लोगों को निशाना बनाना शुरू किया।
- बैंक अधिकारियों की मदद से उसने मृत पेंशनधारकों के नाम पर लोन पास कराना शुरू कर दिया।
- घोटाले के जरिए उसने कई लाख रुपये कमाए और करोड़पति बन गया।
- बैंक की सुरक्षा प्रणाली को चकमा देकर उसने कई Kisan Credit Card (KCC) खातों से भी फर्जी लोन पास करवाया।
बैंक की जांच रिपोर्ट में 71 लाख की हेराफेरी उजागर
SBI के सहायक महाप्रबंधक सुरेश कुमार ने गुरुवार को अपनी 78 पन्नों की रिपोर्ट जंगल कौड़िया पुलिस चौकी को सौंपी।
- जांच में सामने आया कि कुल 71.20 लाख रुपये की जालसाजी हुई।
- 13 मृत पेंशन धारकों के नाम पर लोन पास किया गया।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के 3 फर्जी लोन भी स्वीकृत किए गए।
अब पुलिस इस घोटाले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है और बैंक प्रशासन ने आगे की कार्रवाई के संकेत दिए हैं।