Savings Account Interest Rate Cut : अगर आप सेविंग अकाउंट (Saving Account) में पैसे रखकर उस पर ब्याज (Interest) कमाते हैं, तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। भारत (India) के कई बड़े बैंकों ने सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों (Savings Account Interest Rates) में कटौती कर दी है। इसका सीधा मतलब है कि अब आपके सेविंग अकाउंट में जमा पैसों पर पहले से कम मुनाफा मिलेगा। इस ताजा फैसले से लाखों बैंक ग्राहकों को झटका लग सकता है।
कौन-कौन से बैंकों ने की कटौती?
हाल के हफ्तों में एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने 50 लाख रुपये से कम जमा राशि पर ब्याज दर को 25 आधार अंक (Basis Points) घटाकर 2.75% कर दिया है। पहले यह दर 3% थी। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) पहले से ही अक्टूबर 2022 से 10 करोड़ रुपये से कम रकम पर 2.7% ब्याज दर पेश कर रहा है। इसके साथ ही कुछ बैंकों ने सावधि जमा (Fixed Deposit) दरों में भी 25 आधार अंकों तक की कटौती की है।
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के ग्राहकों के लिए बड़ी खबर
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपनी सेविंग अकाउंट ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। अब बैंक के ग्राहक 50 लाख रुपये तक के बचत बैंक शेष पर केवल 2.75 प्रतिशत ब्याज प्राप्त करेंगे, जो एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की नई दर के समान है। यदि शेष राशि 50 लाख रुपये से अधिक है, तो ब्याज दर 3.25 प्रतिशत होगी।
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने भी घटाईं ब्याज दरें
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने भी सेविंग अकाउंट ब्याज दरों में बदलाव किया है। यह बदलाव 12 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे। इसके तहत, बैंक ने 50 लाख रुपये से कम जमा पर ब्याज दर को 3.00% से घटाकर 2.75% कर दिया है। वहीं, 50 लाख रुपये और उससे अधिक की जमा राशि पर अब ब्याज दर 3.25% होगी, जो पहले 3.50% थी।
साथ ही बैंक ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) दरों में भी 50 आधार अंकों तक की कटौती की घोषणा की है। अब सामान्य नागरिकों के लिए एफडी ब्याज दरें 3% से 7.10% के बीच और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3.5% से 7.55% के बीच तय की गई हैं।
नतीजा क्या होगा?
इन बड़े बैंकों के ब्याज दर घटाने के फैसले का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो अपने पैसे सेविंग अकाउंट में रखकर नियमित ब्याज कमाते हैं। अब उन्हें अपनी बचत पर पहले के मुकाबले कम आय होगी। ऐसे में वित्तीय योजना (Financial Planning) करते समय लोगों को इन नई ब्याज दरों को ध्यान में रखना जरूरी होगा।






