चंडीगढ़, 26 जून, (The News Air)
कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी क्लेश के कारण चिंता में डूबे पंजाब कांग्रेस के विधायकों को अब यह चिंता खाए जा रही है कि वह आगामी 2022 के चुनाव मैदान में जीत हासिल करने के लिए अपने हलकों में कौन सा मुंह ले कर जाएंगे। दिल्ली दरबार के चक्कर मार-मार कर थक चुके पंजाब के मुख्यमंत्री की समूची टीम और उधर निराश मंत्रियों, विधायकों व नेताओं का वह टोला, जिसका नेतृत्व नवजोत सिंह सिद्धू कर रहे हैं, माथे पर हाथ रख कर बैठ गए हैं कि आख़िर हाईकमांड किस पक्ष पर अपना हाथ रखेगी। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह का अड़ियल व्यवहार पंजाब के उन लोगों के रास्ते में रूकावट पैदा कर रहा है, जिन्होंने ने प्रदेश के विकास की उम्मीद के साथ कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत के साथ जिता कर राजगद्दी पर बैठने का मौका दिया था।
भारी बारिश और तूफान के बावजूद भगवंत मान ने श्री फतेहगढ़ साहिब में जनसभा को किया संबोधित
श्री फतेहगढ़ साहिब, 19 अप्रैल (The News Air): आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 'आप के मिशन 13-0' कार्यक्रम के...