NCDEX पर 19 अप्रैल को इसबगोल का वायदा लॉन्च हुआ और तब से उसमें लगातार तेजी देखने को मिल रही है। लॉन्च के दूसरे ही दिन मई वायदा में अपर सर्किट लगा और अब भी भाव 25400 के ऊपर बने हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी कमोडिटी की कीमतों में कैसे आती है तेजी और भाव क्यों गिर जाते हैं। कमोडिटी वायदा से निवेशकों को फायदा कैसे होता है। FY24 में इसबगोल का उत्पादन और मौसम का कितना गहरा संबंध रहेगा। आइए डालते है एक नजर।
19 अप्रैल को NCDEX पर इसबगोल का वायदा लॉन्च हुआ था। लॉन्च के दूसरे ही वायदा में अपर सर्किट लगा। मई वायदा का भाव 25400 के ऊपर कायम है। स्पॉट में 21 अप्रैल को इसबगोल का दाम 24300 के पार निकले है। जनवरी में इसबगोल का भाव 15500-16500 के बीच था । अगले कुछ महीनों में भाव 33000 संभव है। बाजार जानकारों का कहना है कि कम उत्पादन के कारण कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। बारिश के कारण 35-40% फसल खराब हुई है। इस साल 23-25 लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। जबकि पहले 30-35 लाख बोरी उत्पादन की उम्मीद थी।
बता दें कि इसबगोल वायदा में ट्रेडिंग और डिलीवरी यूनिट 3 मीट्रिक टन होगी जबकि अधिकतम ऑर्डर साइज 150 मीट्रिक टन होगा। जबकि टिक साइज 5 मीट्रिक टन होगी। एनसीडीईएक्स ने मई 2023, जून 2023, जुलाई 2023 और अगस्त 2023 इसबगोल वायदा कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च किया है।इसबगोल वायदा के लिए स्पेसिफिकेशन लाल, इम्मैच्योर सीड की बेसिस 4.5 फीसदी होगी। वहीं ब्लैक, डेड, डैमेज सीड की बेसिस 2 फीसदी होगी। जबकि फॉरेन, ऑर्गैनिक मैटर सीड की बेसिस 2 फीसदी तय की गई है।
इसबगोल में क्या बनाए रणनीति
केडिया कमोडिटी के अजय केडिया का कहना है कि वायदा से किसानों को भी फायदा मिलता है। उन्होंने कहा कि इसबगोल वायदा से हेजिंग की सुविधा मिली है। इसबगोल के स्पॉट भाव में भी तेजी बनी हुई है। इसबगोल कीमतों में ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं है। इसबगोल की नई फसल आने में करीब 1 साल का वक्त है। अजय केडिया ने आगे कहा कि ऊंची कीमतों के कारण बुआई बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि टेक्निकली देखें तो अगर इसबगोल में मौजूदा स्तर से थोड़ा पुलबैक दिखता है तो इसमें खरीदारी की जा सकती है। आगे इसबगोल 26500 का स्तर दिखा सकता है।
वहीं एग्री कमोडिटी पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पिछला हफ्ता भी सुस्त था और अभी भी मार्केट में कोई ऐसे बड़े ट्रिगर नजर नहीं आ रहे है जिससे एग्री कमोडिटी में बड़ी तेजी बने। कैस्टर सीड रेंज बाउंड कारोबार कर रहा है। वहीं मसालों की बात करें तो धनिया, हल्दी में भी रेंजबाउंड कारोबार देखने को मिल रहा है। हालांकि जीरे में मुनाफावसूली जारी है। लिहाजा निवेशकों को जीरे से दूरी बनाकर रखने की सलाह होगी। जीरा 38000 का स्तर दिखा सकता है।
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