The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब में 36 हज़ार कर्मचारियों को पक्का करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और गवर्नर बीएल पुरोहित आमने-सामने हो गए हैं। सीएम चन्नी ने भाजपा के दबाव में गवर्नर पर फाइल रोकने के आरोप लगाए, जिसके जवाब में गवर्नर ने कहा कि सरकार ने उसमें बताई ख़ामियाँ दूर नहीं की।
आज मुख्यमंत्री चन्नी अफ़सरों की टीम लेकर राज्यपाल से मिलने जा सकते हैं। जिसमें उनकी लगाई ख़ामियों के बारे में चर्चा हो सकती है। पंजाब में जल्द चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में CM चन्नी इस फ़ैसले को लागू करवाकर चुनावी लाभ लेना चाहते हैं। सीएम चन्नी पहले भी चेतावनी दे चुके हैं कि गवर्नर ने फाइल क्लियर नहीं की तो वह मंत्रियों समेत राजभवन के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।
CM ने कहा- राजनीतिक दबाव में रोकी फाइल
CM चरणजीत चन्नी ने कहा था कि उनकी सरकार ने 36 हज़ार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का क़ानून पास किया। यह फाइल गवर्नर ने रोक ली। वह ख़ुद भी मंत्रियों समेत मिलकर आए। 2 बार उनके चीफ़ सेक्रेटरी जा आए, लेकिन गवर्नर ने फाइल पास नहीं की। सीएम ने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि गवर्नर व्यस्त हैं, लेकिन अब स्पष्ट है कि राजनीतिक कारणों से फाइल रोकी गई। गवर्नर पर भाजपा का दबाव है।
गवर्नर का जवाब : पहले 31 दिसंबर को पूछे सवालों का जवाब दो
इसके बाद गवर्नर बीएल पुरोहित ने कहा कि CM चरणजीत चन्नी की बातें तथ्यात्मक तौर पर ग़लत हैं। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की फाइल 6 सवालों के साथ सीएम को लौटा दी गई थी, जिसे 31 दिसंबर को सीएम ऑफ़िस ने रिसीव भी किया। जिसका उत्तर सरकार ने अभी तक नहीं दिया। उन्होंने सलाह दी कि सीएम पहले सवालों के जवाब दें, उसके बाद राज्यपाल सचिवालय में फिर इन बिलों की जांच की जाएगी।
CM ऑफ़िस से देरी से आई फाइल
गवर्नर बीएल पुरोहित ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने 11 नवंबर को विधानसभा में यह बिल पास किया। जिसकी फाइल 20 दिन बाद 1 दिसंबर को गवर्नर को भेजी गई। दिसंबर में राज्यपाल दूसरे प्रदेशों के दौरे पर थे। 21 दिसंबर को वह वापस लौटे और 23 दिसंबर को सीएम चन्नी ने उनसे मुलाक़ात की।
गवर्नर के CM को भेजे ऑब्जेक्शन…