फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने आज अपने एक दिवसीय दौरे की शुरुआत गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में माथा टेककर की। इसके बाद वह सरहिंद (Sirhind) रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से 500 महिला पंच और सरपंचों को महाराष्ट्र (Maharashtra) स्थित सचखंड तख्त श्री हजूर साहिब के दर्शन और विशेष प्रशिक्षण के लिए रवाना करने वाली स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
महिला पंचायत नेताओं के लिए विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम
सीएम मान ने बताया कि पंजाब में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया है, जिसमें महिला पंच और सरपंच न केवल धार्मिक स्थल के दर्शन करेंगे, बल्कि महाराष्ट्र में उन्हें पंचायत की जिम्मेदारियों और प्रशासनिक कार्यों से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। तीन विशेष ट्रेनें अलग-अलग बैचों में रवाना होंगी, ताकि सभी को व्यवस्थित तरीके से प्रशिक्षण दिया जा सके।
भ्रष्टाचार पर सख्त संदेश
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए कहा कि असली आजादी तब मानी जाएगी, जब तहसीलों और थानों में बिना रिश्वत के काम होंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है और प्रशासनिक व्यवस्था को काफी हद तक सुधार लिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की शांति भंग करने वालों और युवाओं को गलत राह पर ले जाने वालों के खिलाफ किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। अकाली नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) पर तंज करते हुए मान ने कहा कि अब मामला अदालत में है और कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी।
ग्रामीण विकास की नई पहल
सरहिंद के संगियाना पैलेस में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने 500 नए पंचायत घरों और सेवा केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन और शिलान्यास किया।
स्थानीय विधायक लखबीर सिंह राय (Lakhbir Singh Rai) ने बताया कि यह कदम ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और गांवों में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। साथ ही, महिला पंचों और सरपंचों के लिए यह कार्यक्रम धार्मिक, प्रशासनिक और नेतृत्व विकास का अनूठा अवसर है।
जिला प्रशासन ने इस पूरे कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
पंजाब सरकार ग्रामीण विकास और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं लागू कर रही है। इसी क्रम में महिला पंचायत प्रतिनिधियों को देश के अन्य राज्यों में भेजकर प्रशिक्षण देने की पहल की गई है, ताकि वे स्थानीय प्रशासन को बेहतर ढंग से संचालित कर सकें और अपने गांवों में विकास कार्यों की गति तेज कर सकें।






