चंडीगढ़, 25 जून, (The News Air)
कोरोना महामारी के दौरान जिन बच्चों के माता और पिता दोनों का देहांत हो गया है, पंजाब सरकार उनको आश्रित पेंशन देना शुरू करेगी। साथ ही 21 वर्ष की आयु होने तक सभी सरकारी संस्थानों में इन्हें ग्रेजुएशन तक नि.शुल्क शिक्षा का भी प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग ने सभी ज़िला अधिकारियों से ऐसे बच्चों की सूचियां तैयार कर भेजने को कहा गया है, जिन्होंने अपने माता और पिता दोनों को कोरोना महामारी के दौरान गवा दिया।
सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग के डायरेक्टर विपुल उज्जवल ने जानकारी देते बताया कि अब तक हमें 40 ऐसे बच्चों की सूचना मिल है, जिनके माता-पिता दोनों ही कोरोना महामारी का शिकार हो गए। ऐसे आश्रित बच्चों को पेंशन लगाई जाए और उनको 21 वर्ष की आयु तक सरकारी स्कूल और कालेजों में ग्रेजुएशन तक नि.शुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा उनके स्मार्ट राशन कार्ड व सरबत सेहत बीमा कार्ड भी बनाए जा रहे हैं । जहां पर लड़कियां आश्रित हैं, वहाँ पर उन्हें आशीर्वाद स्कीम के तहत कवर किया जाएगा।
विपुल उज्जवल ने आगे बताया कि 664 ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है, जो अपने घर में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उसकी मौत हो गई। ऐसे घरों में बच्चों को जहां आश्रित पेंशन लगाई जाएगी वहीं, उनकी मां को विधवा पेंशन के अधीन कवर किया जाएगा। शेष लाभ वही दिए जाएंगे जो उन बच्चों को दिए जा रहे हैं, जहां उनके माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है।
विपुल उज्जवल ने कहा कि यह योजना शुरू कर दी गई और जिन बच्चों के हमारे पास फार्म आ गई हैं, उन्हें पेंशन लगा दी गई है। हमने सभी ज़िलों में पत्र इस लिए जारी किए है कि अगर कोई बच्चा रह भी गया है तो वह इस में कवर हो जाए। काबिले गौर है कि हाल ही में पंजाब सरकार ने विधवा, बुढ़ापा और आश्रित बच्चों को मिलने वाली पेंशन को 750 से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी है, जो कि 1 अगस्त से मिलनी शुरू होगी।
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