लुधियाना, 08 नवंबर (The News Air) दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नए चुने गए सरपंचों से अपील की कि वे ग्राम सभाओं की बैठकें आयोजित करें और विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्णय लोगों की उपस्थिति में लें। यहां राज्य स्तरीय समारोह में, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य भर के 10031 नए चुने गए सरपंचों को शपथ दिलाई, के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता के पैसे का समझदारी से उपयोग करते हुए गांवों का व्यापक विकास सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फंड के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए गांवों के विकास संबंधी फैसले ग्राम सभाओं में किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरपंच अपनी जिम्मेदारी भली-भांति निभाएं, तो वे आम आदमी और अपने गांवों की तकदीर बदल सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार सरपंचों को हर नेक काम के लिए पूरा सहयोग देगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने सरपंचों को राज्य से नशे की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि सरपंचों की सक्रिय भूमिका से पंजाब को जल्द ही नशा मुक्त राज्य बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस इस कार्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरपंचों की अहम भूमिका होती है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी प्रभावशाली ढंग से निभानी चाहिए।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए पंजाबियों को बधाई दी और इस कार्यक्रम में पहुंचे सरपंचों का स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शपथ लेने के बाद ये सरपंच अपने गांवों को विकास की दिशा में आगे बढ़ाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि लगभग तीन हजार पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गई हैं, जिससे गांवों के विकास को बड़ी गति मिलेगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा और अपने गांवों को आदर्श गांवों में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि गांवों की भलाई के लिए सरपंचों को अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से निभानी चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने सरपंचों से कहा कि वे हर निर्णय गांववासियों से सलाह-मशविरा करके लें और कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास में सरपंच महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस दौरान अपने संबोधन में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस महत्वपूर्ण पद पर चुने गए सभी सरपंचों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई पंचायत चुनावों में 13,147 नई पंचायतें चुनी गईं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज इस प्रदेश स्तरीय समारोह में पंजाब के 19 जिलों के 10,031 सरपंचों ने शपथ ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी जिलों जैसे श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, बरनाला और गुरदासपुर के नए चुने सरपंचों और सभी 23 जिलों के नए चुने 81,808 पंचों का शपथ ग्रहण समारोह गिदड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला और डेरा बाबा नानक की ज़मीनी चुनावों के बाद होगा। उन्होंने सर्वसम्मति से पंचायतों का चुनाव करने के लिए गांववासियों का धन्यवाद किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन गांवों ने संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से पंचायतों का चुनाव करके जहां एक ओर गांवों में भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत किया, वहीं दूसरी ओर अपने गांवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व और संतोष की बात है कि प्रदेश के 3037 गांवों की पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गईं और फिरोजपुर जिले ने 336 पंचायतें सर्वसम्मति से चुनकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया, इसके बाद गुरदासपुर (335) और तरन तारन (334) का स्थान है। उन्होंने कहा कि पंजाब के समझदार मतदाताओं ने सभी सरपंचों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और उन्हें इसे पूरी मेहनत से निभाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे प्रदेश के मतदाताओं के ऋणी हैं जिन्होंने पूरी उत्साह के साथ इन चुनावों में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों को ‘लोकतंत्र के स्तंभ’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनके पास अपार शक्ति होती है और इसका फैसला पूरे गांव में सम्मान के साथ माना जाता है। उन्होंने कहा कि अब जब प्रदेश के लोगों ने सरपंचों को ये शक्तियां दी हैं, तो उनका प्राथमिक कर्तव्य है कि वे उनके हितों की रक्षा करें और उनकी इच्छाओं का सम्मान करें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारे देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, इसलिए पंचायत राज संस्थाओं को लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संस्थाएं प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी और विकासमुखी योजनाओं के लाभ को नीचे तक पहुंचाने के प्रेरक के रूप में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों को जमीन पर लागू करने में सरपंचों-पंचों की बड़ी भूमिका होती है। भगवंत सिंह मान ने सभी सरपंचों से आज से ही विकास कार्यों के लिए समर्पित होने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल, डिस्पेंसरी, पशु अस्पताल और जनहित से जुड़ी कई अन्य सुविधाएं पहले ही पंचायतों की सीधी निगरानी में हैं। इसी तरह गांवों के विकास से संबंधित कई अन्य कार्य भी सरपंचों की मार्गदर्शन में कराए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को इन कामों और सेवाओं की समर्पित तरीके से निगरानी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों को स्पष्ट आह्वान किया कि वे इन कामों में किसी भी तरह की अवांछनीय दखलअंदाजी से दूर रहें। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद बात है कि गांवों में गुटबंदी के कारण कई कामों में रुकावटें आती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को गांवों में गुटबंदी को समाप्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत हासिल करने वाला व्यक्ति या पार्टी विजेता होती है, लेकिन एक बार सरपंच चुने जाने के बाद वह पूरे गांव का प्रतिनिधि होता है। उन्होंने कहा कि सरपंच को गांव के हर नागरिक के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और निष्पक्षता से फैसले लेने चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों के कई सरपंचों ने अपनी समझ और दूरदृष्टि से गांवों का कायाकल्प किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों में हर तीसरा घर प्रवासी भारतीयों का है और प्रवासी भारतीयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे गांवों के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए सरपंचों को अपने गांवों को नशामुक्त बनाने पर जोर देना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि सरपंचों को गांवों में शांति और भाईचारे के ताने-बाने को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में विकास और खुशहाली की गति को और बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार गांवों के सर्वांगीण विकास और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंच सरकार और गांवों के बीच पुल का काम करते हैं और उन्हें गांवों के विकास में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों को विश्वास दिलाया कि गांवों में विकास कार्यों को करवाने के लिए फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने सरपंचों से कहा कि वे अपने गांवों के विकास कार्यों को प्राथमिकता दें ताकि प्रदेश सरकार इस संबंध में काम शुरू करवा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए पंचायतों को फैसले लेने चाहिए और प्रदेश सरकार इसके लिए हर उपाय करेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि वे एक रचनात्मक अभियान शुरू करें और प्रदेश के गांवों का कायाकल्प करने में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि हम रंगला पंजाब बना सकें। उन्होंने सरपंचों से कहा कि वे गांवों को साफ-सुथरा, हरियाली से भरपूर और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचा उनकी सरकार की पांच प्राथमिकताएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से प्रदेश के युवाओं को 45,000 से अधिक नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ठोस पहल के कारण प्रदेश के 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने टाटा स्टील और अन्य प्रमुख उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया है ताकि स्थानीय युवाओं को नौकरियां मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने जहां प्रदेश और देश की दौलत की लूट की, वहीं ‘आप’ सरकार विकास पर पूरा ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने लोगों को नया रास्ता दिखाया है और प्रदेश सरकार लोगों के भले के लिए उनकी सोच के अनुसार काम कर रही है। भगवंत सिंह मान ने लोगों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार प्रदेश की तरक्की और लोगों की खुशहाली को सुनिश्चित करेगी। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा सदस्य, विधायक और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।