The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब का नया DGP नियुक्त करने को लेकर नए सिरे से खींचतान शुरू हो गई है। अब यह मुद्दा पंजाब सरकार और UPSC के बीच फंसने लगा है, जिसमें दोनों के बीच पैनल बनाने के लिए कट ऑफ़ डेट को लेकर सहमति नहीं बन पा रही। UPSC दिनकर गुप्ता को हटाने के बाद की तारीख़ को मान रही है। वहीं पंजाब सरकार कह रही कि जब लेटर भेजा गया है तो UPSC उसी के हिसाब से फ़ैसला ले।
अगर पंजाब सरकार की चली तो चट्टोपाध्याय परमानेंट डीजीपी बन जाएंगे। अगर यूपीएससी अपनी बात पर कायम रही तो फिर वीके भवरा नए डीजीपी बन सकते हैं। इस सबके बीच UPSC की आज पैनल को लेकर अहम मीटिंग होने जा रही है, जिसमें पंजाब के चीफ़ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी और एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी (होम) भी शामिल होंगे।
दिनकर को हटाने में देरी कर गई पंजाब सरकार
कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चरणजीत चन्नी सीएम बने। नई सरकार के बनते ही डीजीपी दिनकर गुप्ता छुट्टी पर चले गए। सरकार ने इसी दौरान 30 सितंबर को 10 अफ़सरों का पैनल UPSC को भेजा, जिसमें से UPSC ने 3 अफ़सरों को शॉर्टलिस्ट कर पंजाब को भेजना था, जिसमें से सरकार किसी एक को DGP लगा सकती थी।
हालांकि UPSC का कहना है कि जब यह पैनल भेजा गया तो पंजाब में DGP का पद ख़ाली नहीं था। दिनकर गुप्ता उस पर नियुक्त थे और छुट्टी पर थे। सरकार ने दिनकर को 5 अक्टूबर को हटाया। इसलिए नियम के अनुसार तभी से पंजाब के डीजीपी की कुर्सी ख़ाली मानी जा सकती है। इस पर UPSC ने पहले ऐतराज़ लगा दिया। अब पंजाब सरकार ने उनके पैनल भेजने की तारीख़ को ही मानने के लिए कहा है।
अगर UPSC ने 30 सितंबर को सही माना तो चट्टोपाध्याय ही रहेंगे DGP
अगर UPSC 30 सितंबर को सही तारीख़ मानेगी तो फिर पंजाब के मौजूदा कार्यकारी DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय परमानेंट डीजीपी बन सकते हैं। दरअसल, चट्टोपाध्याय 31 मार्च 2022 को सेवामुक्त हो रहे हैं। परमानेंट डीजीपी के लिए नियम है कि उनका कार्यकाल कम से कम 6 महीना शेष होना चाहिए। अगर UPSC 30 सितंबर को सही मान ले तो फिर चट्टोपाध्याय यह शर्त पूरी कर सकते हैं। उस सूरत में सीनियोरिटी के हिसाब से चट्टोपाध्याय, दिनकर गुप्ता और वीके भवरा इस सूची में शामिल हो सकते हैं।
अगर 5 अक्टूबर को माना तो भवरा को मिल सकती है कुर्सी
UPSC अगर 5 अक्टूबर को ही सही मानेगी तो फिर चट्टोपाध्याय रेस से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि उनका कार्यकाल 6 महीने का नहीं बचेगा। उस सूरत में सीनियोरिटी के हिसाब से वीके भवरा, दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार के नाम सामने आ सकते हैं। इनमें से दिनकर और प्रबोध कुमार केंद्र में डेपुटेशन पर जाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। ऐसे में अगर वह दोनों इस पोस्ट के लिए इनकार कर दें तो फिर वीके भवरा पंजाब के नए डीजीपी हो सकते हैं।
पहले सिद्धू और सरकार में चला टकराव
पंजाब में डीजीपी को लेकर पहले कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी की अगुवाई वाली सरकार में टकराव चलता रहा। दिनकर को हटाने के बाद सरकार ने इक़बाल प्रीत सहोता को कार्यकारी डीजीपी लगा दिया। उस वक़्त सिद्धू सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी बनाना चाहते थे। सिद्धू ने सहोता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद 4 दिन पहले ही अचानक आधी रात को सरकार ने सहोता को हटाकर चट्टोपाध्याय को डीजीपी का चार्ज दे दिया।