Chandrayaan 3: भारत का चांद पर जाने का तीसरा महत्वकांक्षी मिशन सफलता के एक और पड़ाव पर पहुंच गया है।दरअसल, ‘चंद्रयान-3’चांद की सतह के और नजदीक आ गया है जिसकी जानकारी खुद इसरो ने दी है।
इसरो ने किया ट्वीट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ट्वीट में कहा है कि, ‘चंद्रमा की सतह के और नजदीक। आज की गई प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है।’ अब चंद्रयान-3 को चांद के और करीब लाने के लिए दो और सफल कोशिश की जरूरत है, इसके बाद चंद्रयान-3 चांद पर पहुंच जाएगा। इसरो की मानें तो अगली प्रक्रिया 14 अगस्त 2023 को पूर्वाह्न 11:30 से अपराह्न 12:30 बजे के बीच समय निर्धारित है।
किया गया ऑर्बिट में बदलाव
इसरो ने 9 अगस्त की दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर ऑर्बिट में बदलाव किया है। यानी चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को ऑन किया गया था। 5 अगस्त 2023 को जब चंद्रमा की पहली कक्षा में चंद्रयान-3 पहुंचा था, तब उसने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं। उस वक्त चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा था। जिसे 6 अगस्त 2023 को घटाकर 170 x 4313 km की ऑर्बिट में डाला गया था। यानी उसे चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था। अब आईए समझते हैं कि चंद्रयान 3 की कितनी यात्रा और बाकी है
कब होगी लैंडिंग
14 अगस्त को सुबह 11:45 से 12:04 बजे तक चौथी कक्षा को बदला जाएगा। वहीं 16 अगस्त को सुबह 8:38 बजे से 8:39 बजे के बीच पांचवीं कक्षा को बदला जाएगा। यानी सिर्फ एक मिनट के लिए इसके इंजन को ऑन किया जाएंगा। 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे। वहीं 18 अगस्त को दोपहर 3:45 से 4:00 बजे के बीच लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी। यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी।फिर 20 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात 1:45 पर डीऑर्बिटिंग होगी।उसके बाद 23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। सबकुछ सही रहेगा तो 5:45के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।बताया जा रहा है कि फिलहाल चंद्रयान-3 के सभी यंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं।