झारखंड , 2 फरवरी (The News Air) Champai Soren Oath Ceremony झारखंड में Hemant Soren के इस्तीफे से पैदा हुआ सियासी संकट खत्म हो गया है। Champai Soren ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। उनके साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता ने भी शपथ ली है। अब उन्हें 10 दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगी। वहीं दूसरी ओर महा-गठबंधन के 35 विधायकों को हैदराबाद भेजा जाएगा। ऐसा संभावित खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए किया गया है। जानकारी के अनुसार, बहमत साहित करने में 10 दिन का समय है ऐसे में विधायक टूट सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने और सभी को एकजुट रखने के लिए विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट किया गया है।
गुरुजी का लिया आशीर्वाद : Champai Soren ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया। अपने गुरू का आशीर्वाद लेने के बाद चंपई (Champai) ने कहा, ‘मैं शपथ लेने से पहले अपने गुरुजी (शिबू सोरेन) से आशीर्वाद लेने आया था। मैं झारखंड आदोंलन के दौरान उनसे जुड़ा। वह हमारे आदर्श हैं इसलिए मैं उनका आशीर्वाद लेने आया था। हम जल्द ही (बहुमत) साबित करेंगे।’
देर रात मिला सरकार गठन का मौका : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार देर रात महागठबंधन विधायक दल के नेता Champai Soren को मनोनीत मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए शपथग्रहण के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल ने महागठबंधन विधायक दल के नेता Champai Soren और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को गुरुवार देर रात राजभवन आमंत्रित कर सरकार बनाने का न्योता दिया। राजभवन से बाहर Champai Soren ने कहा कि मंगलवार शाम से राज्य में मुख्यमंत्री नहीं है। लिहाजा वह शुक्रवार को शपथ लेंगे। राज्यपाल ने 10 दिनों के भीतर विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दिया है।
बहुमत साबित करने के बाद कैबिनेट विस्तार: शपथ ग्रहण के बाद महागठबंधन जल्द से जल्द विधानसभा में बहुमत साबित करेगा। बहुमत साबित करने के बाद Champai Soren अपने कैबिनेट का गठन करेंगे। चंपई कैबिनेट में Hemant कैबिनेट के इतर कई नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। राज्यपाल के निमंत्रण के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ सर्किट हाउस में Champai Soren ने बैठक की। देर रात तक बहुमत साबित करने और सरकार के गठन को लेकर रणनीति बनाई गई।