मुंबई: शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज़ कुंद्रा के ख़िलाफ़ मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज़ हुआ है। नितिन बराई नाम के शिकायतकर्ता का आरोप है कि शिल्पा और राज़ ने 2014 से लेकर अब तक स्पा और जिम की फ्रैंचाइजी बांटने के नाम पर कई बार फ्रॉड किया। नितिन ने इस मामले में काशिफ ख़ान, दर्शिता शाह और इनके कुछ साथियों को भी आरोपी बनाया है। हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि काशिफ और दर्शिता कौन हैं और शिल्पा-राज़ की कंपनी में इनकी क्या भूमिका है।
1.5 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करवाकर धोखाधड़ी का आरोप
नितिन का कहना है कि उन्होंने पुणे के कोरेगांव में शिल्पा और राज़ की फर्म ‘मेसर्स एसएफएल प्राइवेट कंपनी’ की जिम और स्पा की फ्रैंचाइजी खोली थी। आरोपियों ने उनसे 1 करोड़ 59 लाख 27 हज़ार रुपए का निवेश करवाया और फिर उन पैसों का निजी इस्तेमाल कर लिया। जब पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने धमकाना शुरू कर दिया।
शिल्पा और राज़ से जल्द हो सकती है पूछताछ
नितिन की शिकायत के बाद बांद्रा पुलिस ने शिल्पा शेट्टी, राज़ कुंद्रा समेत अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ IPC की धारा 406, 409, 420, 506, 34 और 120 (B) के तहत मामला दर्ज़ कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस मामले में जल्द ही आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। राज़ कुंद्रा और शिल्पा का पक्ष जानने के लिए पुलिस जल्द ही उनसे संपर्क कर सकती है।
पोर्न केस में ज़मानत के बाद नज़र नहीं आए हैं राज़
पॉर्नोग्राफी मामले में राज़ कुंद्रा जब से जेल से छूटे हैं, वे कहीं नज़र नहीं आए हैं। 1 नवंबर को उन्होंने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट भी डिलीट कर दिए थे। पॉर्नोग्राफी केस में गिरफ़्तार किए गए राज़ कुंद्रा को 2 महीने बाद 20 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। पुलिस ने 19 जुलाई को राज़ कुंद्रा, रेयान थोरपे समेत 11 लोगों को इस केस के सिलसिले में गिरफ़्तार किया था। राज़ पर पोर्न फ़िल्मों का कारोबार करने के आरोप हैं।
राज़ ने अपनी पोर्न कंपनी में 10 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए थे
मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक़ राज़ कुंद्रा ने पोर्न फ़िल्म इंडस्ट्री में 8 से 10 करोड़ रुपए का निवेश किया था। राज़ और उनके ब्रिटेन में रह रहे भाई ने वहीं केनरिन नाम की एक कंपनी बनाई। फिर पोर्न वीडियो भारत में शूट कर वी ट्रांसफर (फाइल ट्रांसफर सर्विस) के ज़रिए केनरिन कंपनी को भेजे गए। ये कंपनी राज़ कुंद्रा ने ही बनाई और इसका रजिस्ट्रेशन विदेश में करवाया ताकि भारत के साइबर लॉ से बच सकें।